उन्होंने कहा, "यह एक त्रासदी है..शिक्षा प्रणाली, वैश्वीकरण और उदारीकरण ने समाज को संगठित किया।"
उन्होंने सवाल उठाया, "अंग्रेजी बाकी बची दुनिया से जोड़ने के लिए अत्यंत जरूरी हो गई। लेकिन हो क्या रहा है कि मध्य और उच्च मध्य वर्ग परिवारों के बच्चे अपनी मातृभाषा की कीमत पर अंग्रेजी सीख रहे हैं तो वे कहां जाएंगे?"
अख्तर के अनुसार, भाषा को बर्बाद करना एक पाप है, जिससे इतिहास और परंपरा की मौत होती है।
उन्होंने कहा, "भाषा इतिहास, संस्कृति और परंपरा की वाहक है। आप अगर भाषा को मारते हैं तो अपना इतिहास, अपनी संस्कृति को मारते हैं और यही हो रहा है।"