सूत्रों के अनुसार, "वितरकों ने आसाम के थियेटर से आसाम की स्थानीय फ़िल्म 'राग' को हटवा कर वहाँ 'गुंडे' को प्रदर्शित करवा दिया है। यह कहा जा रहा है कि 'राग' जिसे आसाम फ़िल्म विकास निगम (एएसडीसी) और मन्ना फिल्मों ने प्रदर्शित किया और रजनी बसुमतारी ने निर्देशित किया है, वह आसाम में अच्छा काम कर रही थी।
एक और सूत्र के अनुसार, "आदिल हुसैन, अभिनीत यह फ़िल्म दोबारा लगने के बाद भी अपने दूसरे हफ्ते में भी अच्छा काम करेगी। लेकिन यश राज फ़िल्म के वितरकों ने कथित तौर पर 'गुंडे' के लिए रास्ता बनाने के लिए अभी इसे स्थानीय स्क्रीन्स से हटवा दिया है।
इस खबर पर टिप्प्णी के लिए फ़िल्म 'राग' के निर्देशक से बातचीत नहीं हो पाई है। लेकिन फ़िल्म की अभिनेत्री ज़ेरिफा वहीद ने फ़िल्म के अच्छा काम करने की पुष्टि की है। "सरकारी वित्तीय सहायता से बने इस प्रोजेक्ट ने अब तक अच्छा काम किया है, लेकिन अभी इसे 'गुंडे' के करण सिनेमाघर से हटा दिया गया है। यह बहुत ही दुर्भाग्य की बात है कि हम इसके लिए प्रार्थना में असफल रहे है। इस तरह की घटना पहले भी हो चुकी है।"
वह आगे कहती है कि फ़िल्म शहर और गुवाहाटी की तरफ भी तेजी से कारोबार कर रही थी। यश राज बैनर के वितरकों ने इसके स्थानीय सभी शो के स्थान पर 'गुंडे' को प्रदर्शित कर दिया। बहुत से लोग हमारी फ़िल्म देखना चाहते थे , और अब मैं यही आशा करती हूँ कि अब वह इसे बाद में देख ले। साथ ही मैं यह भी आशा करती हूँ कि दर्शक दूसरी आसामी फ़िल्म 'हिया दीबा काक ' को भी देखें। यह फ़िल्म अगले हफ्ते रिलीज होगी। और बॉलीवुड को हम पर हमारी फ़िल्में इस तरह से हटाने के लिए दबाव नहीं बनाना चाहिए। क्योंकि लोगों में सांस्कृतिक जागरूकता की जरूरत है।
वहीं एक और सूत्र ने नाम ना छापने की शर्त पर कहा कि इस निर्माण गृह ने कई स्थानीय फिल्मों पर अपना दबदबा बनाया है। वे इस तरह का काम कम बजट वाली हिंदी फिल्मों के साथ भी करते है। इसे रोकने की जरूरत है।
वहीं जब इस बारे में यश राज फ़िल्म से संपर्क किया गया तो उनके वक्ता ने इस तरह की किसी भी घटना से इंकार किया। "'गुंडे' के लिए कोई भी शर्त और नियम नहीं रखे गये थे।