पेश है 27 वर्षीय अभिनेता से बातचीत के कुछ अंश-
संयोग से अभिनेता
मैंने अभिनेता बनने की योजना नहीं बनाई थी। मैं कभी भी किसी एक्टिंग स्कूल या वर्कशॉप में नहीं गया था। एक बार मैंने बोर्डिंग स्कूल में खेलने से बचने के लिए अपना हाथ तुड़वा लिया था। मैने अभिनय के लिए दाखिला लिया , लेकिन जल्दी ही मैंने महसूस किया कि मैंने इसमें मजा लेना शुरू कर दिया है। मैंने बहुत से नाटकों में हिस्सा लिया, जिसमें एक नसीरुद्दीन के साथ भी था। इसके बाद एक के बाद एक करके मुझे रास्ता मिलता गया और मैंने हिंदी फिल्मों में अपना करियर बना लिया। मेरी पहली फ़िल्म प्रदर्शित ही नहीं हो पाई, लेकिन यह कितने ही फ़िल्म फेस्टिवल तक पहुंच गई थी। मेरी फिल्मों में '3 इडियट्स' और ऑलवेज कभी कभी' थी।
अभिनय सामग्री
मेरे एक स्कूल के मित्र जो बाद में फ़िल्म निर्माता बना उसने मुझे एक कहानी सुनाई। मैंने जब यह कहानी सुनी तो मैं बहुत प्रभावित था और मैंने इस फ़िल्म में मुझे भी एक किरदार देने के लिया कहा। उसने इसका आभार माना और मैं फ़िल्म में आ गया। यह भाग्य से ही हुआ। फ़िल्म के मुख्य अभिनेता को कुछ डेट की समस्या हो गई और उनकी जगह किसी और को लेना पड़ा। सोचो इसके बाद क्या हुआ? मुझे इस किरदार के लिए प्रस्ताव दे दिया गया। जिसे मैंने दोनों हाथों से लपक लिया। यह हिंग्लिश फ़िल्म यूएस में शूट हुई हैं और इसे रुचा हुमनाबादकर ने निर्देशित किया है। बिलकुल मैं बेसब्री से इस फ़िल्म का इंतजार कर रहा हूँ।
बड़े-बड़े सितारों के साथ मौका
आमिर खान की फ़िल्म '3 इडियट्स' के दौरान मेरा सीखने का समय था। उनकी इस मुकाम पर भी सीखने की भूख बहुत ज्यादा है और यह बेहद आश्चर्यजनक है। इन सबके बावजूद वह बेहद साधारण आदमी है। शॉट्स के बीच में वह या तो हमारे साथ चेस खेल करते थे या क्रू के साथ मिल जाया करते थे। इसके अलावा यह भी मेरा भाग्य ही है कि 'ऑलवेज कभी कभी' में मुझे शाहरुख़ के साथ काम करने का मौका मिला। जिसे उन्होंने बनाया था। वह बहुत कूल, देखभाल करने वाले, सहायक और हद से ज्यादा ईमानदार है। इसके अलावा मैंने विद्या की फ़िल्म की शूटिंग से पहले उनके साथ एक वर्कशॉप भी की है। वह पूरी तरह पेशेवर है, और एक व्यक्ति के तौर पर मुख्य है।
मैटिनी मूर्ति
अगर चुनना पड़े तो, मैं परिणिति के साथ काम करना चाहूंगा। वह एक शानदार अभिनेत्री है । साथ ही वह यह भी कहते है कि वह माधुरी और जूही चावला के बहुत बड़े फैन है। (हँसते हुए) मैं जब पहली बार माधुरी से मिला तो मैं तो बेहोश ही हो गया। मैं आईपीएल के दौरान जूही से भी मिला हूँ।
मेरी पसंद की लड़की
मेरे दिमाग में पहले से ऐसी कोई सोच नहीं है कि वह ऐसी लड़की होनी चाहिए जिसके साथ मैं डेट पर जाऊं। मैं बहुत बातें करना पसंद करता हूँ और मैं ये चाहूंगा कि वह भी मुझसे बहुत सी बातें करें। यह बहुत ही अच्छा होगा कि अगर मुझे कोई ऐसा मिलता है जो मेरी अयोग्यताओं और खामियों से परे सोच सके। सीधे सब्दों में, मैं किसी ऐसे इंसान के साथ रहना पसंद करूँगा जो सांसारिक चीजों के बारे में मनोरंजक ट्रिक्स इ बातचीत कर सके।