राजधानी में आईएएनएस से एक बातचीत में मनीषा ने कहा, "हमारी फिल्मों में वे दिखाते हैं कि आपको कैंसर है तो आप मर जाएंगे। अभी भी कोई यह नहीं दिखाता कि आप कैंसर से निपट सकते हैं और 30 से 40 साल तक जिंदा रह सकते हैं।"
मनीषा उपचार के लिए छह महीने से ज्यादा समय न्यूयॉर्क में बिताकर पिछले साल जून में स्वदेश वापस लौटी हैं।
43 वर्षीया मनीषा को लगता है कि भारत में कैंसर के बारे में जागरूकता को लेकर काफी कुछ हुआ है, लेकिन अभी बहुत कुछ करने की जरूरत है, खासतौर से गांवों में।
उन्होंने कहा, "जानकारी ही काफी नहीं है। लोग कहते हैं कि अगर आपको कैंसर है तो आप मर जाएंगे। दुर्भाग्य से यह मुझे निराश करता है।"
उन्होंने कहा, "मैं उस पृष्ठभूमि से आई हूं, जहां लोग शिक्षित हैं, लेकिन गरीब महिलाओं का क्या? हो सकता है कि बीमारी उन्हें न मारे, लेकिन भय उनकी जान ले लेगा। यहां तक कि अगर उनके बचने का मौका भी होगा तो भी वे चारों ओर की नकारात्मक बातों से मर जाएंगी।"
नेपाल के जानेमाने राजनीतिक परिवार से संबंध रखने वाली मनीषा अब कैंसर के प्रति जागरूकता फैला रही हैं। वह एक गैर सरकारी संगठन शुरू करने के बारे में भी सोच रही हैं जो अच्छे स्वास्थ्य को प्रोत्साहित करेगा।
मनीषा कहती हैं कि कठिन समय से बाहर आने पर आत्मविश्वास बढ़ता है।
उन्होंने कहा, "हम मुश्किल समय को याद भी नहीं करते, क्योंकि यह दुखद होता है। जब आप इससे बाहर आते हैं, आप में आत्मविश्वास आता है।" मनीषा अपने में बदलाव पाती हैं।
उन्होंने कहा, "मैं पहले से बहुत बदल गई हूं। मुझे लगता है मैं चीजों को स्पष्ट तरीके से देखने लगी हूं। मुझे लगता है कि व्यक्ति को हर दिन जीवन का मूल्य समझना चाहिए।"
मनीषा फिर से फिल्मों में वापसी करना चाहती हैं। लेकिन उनकी अपनी शर्ते हैं।
उन्होंने कहा, "मेरी प्रतिभा का पूरा उपयोग हो रहा होगा, मैं तभी फिल्म करूंगी।"