एक सूत्र का कहना है, "पहले फ़िल्म की शूटिंग के समय फ़िल्म का नाम कुछ और रखा गया था। लेकिन इसके बाद शिल्पा और उनकी टीम ने फ़िल्म का नाम 'ढिस्कि याऊ' रख दिया। शिल्पा की रचनात्मक टीम ने सोचा कि यही वह नाम है जो फ़िल्म की स्क्रिप्ट के लिए सही है। लेकिन कुछ ही दिनों पहले शिल्पा ने इस नाम को अधिकारिक तौर पर तय कर दिया। लेकिन तब उन्हें पता चला कि फ़िल्म के लेखक पहले ही यह नाम पंजीकृत करा चुके है। तब वह प्रीतीश से मिली, और उनसे कहा कि यह नाम प्लीज़ उन्हें दे दे। "भाग्यवश, नंदी ने शिल्पा को यह टाइटल तौहफे में दे दिया।"
जब इस बारे में शिल्पा से संपर्क किया गया तो उन्होंने इस खबर की पुष्टि की। "यह प्रीतीश की का बड़प्पन ही था, जो उन्होंने यह शीर्षक हमें दिया। मैं इस सदाचारी कार्य के लिए हमेशा आभारी रहूंगी। हालाँकि उनकी इस सहायता के बदले में मैंने उनकी पसंदीदा शराब की बोतल, और फूलों का गुलदस्ता भी तौहफे में दियाहै।"