बत्रा ने एक टेलीफोनिक साक्षात्कार में आईएएनएस को बताया, "मैं उनके बीच से व्यक्तिगत कहानियां खोजना चाहता था। इसकी बजाय हम दोस्त बन गए और उन्होंने मुझे उन गृहणियों के बारे में कहानियां सुनानी शुरू कर दी, जिन्हें वे खाना के डब्बा पहुंचाते थे।"
बत्रा ने 2014 के फिल्मफेयर अवार्ड्स में 'लंचबॉक्स' के लिए 'बेस्ट डेब्यू डायरेक्टर' का पुरस्कार पाया। उन्होंने कहा, "मेरी उसमें और दिलचस्पी बढ़ी। इसलिए मैंने वृत्तचित्र को छोड़ दिया और फिल्म लिखनी शुरू की।"
बत्रा ने कभी नहीं सोचा था कि फिल्म को भारत और पश्चिम दोनों जगहों पर तारीफें मिलेंगी।
'लंचबॉक्स' की कहानी मुंबई की एक मध्यवर्गीय गृहणी इला के इर्दगिर्द घूमती है। यह इला की पाक कला की बदौलत फिर से अपने पति का प्यार पाने की कोशिश और उसके बनाए खाने का डब्बे गलती से एक विधुर के पास पहुंचने की कहानी है।
फिल्मकार ने फिल्म में गृहणी की भूमिका के लिए अभिनेत्री का चयन करने के लिए कई माह तक ऑडिशन लिए और बाद में निमरत कौर को चुना। बत्रा ने बताया, "इस भूमिका को ढालना बेहद मुश्किल था।"
निमरत विज्ञापनों और रंगमंच का जाना माना चेहरा हैं।
बत्रा ने अपने कास्टिंग निर्देशक की सिफारिश पर निमरत के कई नाटक देखे और उसके बाद ही उनसे मुलाकात की। उन्होंने कहा, "मुझे उनके बारे में एक जबर्दस्त सहज-ज्ञान था और जब मैं उनसे मिला तो यह सहज-ज्ञान और बढ़ गया।"