कंगना कहती है, "मैं फ़िल्म के लिए एक वॉइसओवर लिख रही थी। जिसमें सिर्फ वैष्णो देवी का नाम ही था। जब मैंने इसके बारे में सोचा, मैंने महसूस किया कि यह मेरे लिए एक बुलावा था। ताकि मैं मंदिर जा सकूं।"
कंगना अपने भाई अक्षित के साथ वैष्णो माता पहुंची और वहाँ जाकर अपनी फ़िल्म की सफलता के लिए मन्नत मांगी।