आमिर कहते है, "मैं जहां हूं वहीं से एक बड़ा योगदान देना है। यह बड़ी जिम्मेदारी है। इसके अलाव मुझे नहीं लगता कि मैं राजनीति की दुनिया से जुड़ सकता हूं। वहां मैं इतना प्रभावी नहीं हो सकूंगा, मैं वहां काम नहीं कर पाऊंगा। "
वह यह भी कहते है, "मैं सामाजिक रूप से अच्छे काम करने के लिए आपका राजनीति में होना जरूरी नहीं है। मेरा मानना है कि मैं जहां हूं वहीं से बड़े योगदान दे सकता हूं। यही वजह है कि मैं राजनीति में नहीं जाऊंगा। "
हिन्दी सिनेमा के 48 वर्षीय अभिनेता का कहना है कि वह कलाकार होते हुए भी समाज के प्रति अपने कर्तव्यों को निभा रहे हैं लेकिन वह स्वयं को कोई सामाजिक कार्यकर्ता नहीं मानते और वह राजनीति में नहीं आएंगे।
अन्ना हजारे आंदोलन का समर्थन करने वाले आमिर का यह भी कहना है कि वह किसी खास पार्टी का समर्थन नहीं करते हैं लेकिन वह अरविन्द केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी (आप) के स्वराज की विचारधारा से इत्तेफाक रखते हैं।