लेकिन जब नसीर ने किरदार के लिए हामी भर दी तो संजय भी वापस आ गए और निर्देशक ने उन्हें किरदार के लिए रख लिया।
कपूर ने आईएएनएस को बताया, "जब संजय नहीं मिल पाए और उनसे संपर्क नहीं हो सका तो मैंने नसीर सर से संपर्क किया। लेकिन सौभाग्य से या दुर्भाग्य से वह (संजय) वापस आ गए।"
"इस बीच नसीर सर तीन दिनों में पटकथा पढ़ चुके थे और यह उन्हें पसंद आ गई थी। उसी समय संजय वापस आ गए और मुझे कहना चाहिए कि यह बहुत गलत समय था।"
संजय ने कहा, "लेकिन संजय मेरी पहली पसंद थे। मैंने नसीरुद्दीन शाह से कहा कि मैं उन्हें इसी फिल्म में दूसरा किरदार दूंगा, लेकिन उन्होंने कहा कि वह यह फिल्म नहीं करेंगे। उसके बाद मैंने उन्हें एक लंबा मेल लिखा और उन्होंने सौम्य तरीके से इसका जवाब देते हुए कहा कि संजय इसके हकदार हैं। लेकिन यह मेरे लिए तकलीफदेह पल था।"
'आंखों देखी' राजे बाउजी (संजय) नामक एक किरदार के इर्द-गिर्द घूमती है। यह व्यक्ति अपनी जिंदगी के पांचवें दशक के अंतिम पड़ाव पर है और पुरानी दिल्ली के एक छोटे-से घर में अपने बड़े से परिवार के साथ रहता है।
फिल्म 21 मार्च को सिनेमाघरों में उतरेगी।