'दुश्मन' और 'दिलवाले दुल्हिनया ले जाएंगे' सरीखी फिल्मों में अभिनय कर चुकीं काजोल सेंसरशिप के दिशा-निर्देश पर बात कर रही थीं। उन्होंने कहा, "अपने बच्चों पर मैं पूरा ध्यान देती हूं, इसके बावजूद वे 24 घंटे कंप्यूटर के आगे जमे रहते हैं। सूचना का प्रवाह बहुत तेज है और सूचनाएं भी बहुत सी हैं। यदि आप कहें कि कोई किसी एक किरदार को देखकर उससे प्रभावित हो जाता है तो मैं समझती हूं, यह बेवकूफानी बात है। फिल्में समाज का आईना होती हैं, लेकिन समाज फिल्मों से कभी-कभार ही प्रभावित होता है।"
विशेष सत्र का आयोजन लास एंजेलिस इंडिया फिल्म काउंसिल के साथ मिलकर किया गया था।