संगीत कंपनी टी सीरीज और गायकों और संगीतकारों के बीच काफी समय से रॉयल्टी का मुद्दा चला आ रहा है। हाल ही के उदाहरणों में बहुचर्चित विवाद , जिसमें अभिनेता और निर्माता अभय देओल ने संगीत निर्देशक तिकड़ी, शंकर एहसान और लॉय के अधिकार का समर्थन करते हुए टीसीरीज के खिलाफ कार्यवाही की थी।
बिलकुल इसी तर्ज पर सोनू निगम और सुनिधि चौहान ने रॉयल्टी की मांग करते दिखे उनके गानों को किसी और की आवाज में रिकॉर्ड करवाया गया था। कुछ समय से लेकर अब तक इंडस्ट्री इस मामले को सुलझा नहीं पाई है। लेकिन अब लगता है कि इसका हल अब नजदीक ही है। अगर सूत्रों की बातों पर यकीन किया जाए तो, 'ज़ी' अब इस क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए पूरी तरह से तैयार है। कहा जा रहा है कि यह लेबल इन संगीतकारों को लॉयलिटी देगा।
एक सूत्र के अनुसार, " एस्सेल ग्रुप के चेयरमैन सुभाष चंद्र ने उद्योग के शीर्ष संगीतकारों, गीतकारों और उत्पादकों को एक मीटिंग को बुलाया, जिसमें उन्हें ज़ी के नए लेबल के बारे में जानकारी दी गई। साथ ही उन्होंने इस तथ्य पर भी जोर दिया कि कंपनी इस मामले में संगीतकारों और गीतकारों के लिए किये गये रॉयल्टी का भुगतान के लिए संशोधन कॉपीराइट का भी पूरा पूरा ध्यान रखेंगी।
इस गुप्त मीटिंग में, विक्रमादित्य मोटवानी, फिल्म निर्माता विपुल शाह, अभिनेता से फिल्म निर्माता अरबाज खान और उद्योग से कुछ प्रमुख संगीत निर्देशकों को भी बुलाया गया था।
जब इस बारे में, टी सीरीज से भूषण कुमार को अवगत कराया गया तो उन्होंने कहा, "संगीत का बहुत बड़ा बाजार है, और हाल ही में इसमें हमें नुकसान उठाना पड़ा है, इसीलिए अब हमने इसे फ़िल्म-निर्माण में बाँट दिया है। इसके अलावा हमने बड़े-बड़े नामों को एक स्वस्थ प्रतियोगिता के लिए हमेशा स्वागत क्या है।
वहीं कैलाश खेर इससे बेहद खुश है, वह कहते है, "कुछ कुछ लोग गायकों को उनका बकाया देने के लिए तैयार नहीं है लेकिन साथ ही इंडस्ट्री में कुछ अच्छे लोग भी है जो नियमों का पालन करते है। हम 'ज़ी' की विचारधारा का सम्मान करते है।"
सोनू निगम जो इतने दिनों से रॉयल्टी लड़ाई लड़ते रहे है। अब चैन की साँस लेते दिख रहे है, "मेरे जैसे संगीतकार के लिए, जिसे लोगों से इतना प्यार और तारीफें मिली है, मेरे लिए यह बेहद मुश्किल होता है कि निरंकुश, बेरहम लोगों के समूह द्वारा मेरा संगीत मुझसे छीन लिया जाता है और उसे किसी और से गवाया जाता है। इसीलिए यह ताज़ी हवा में सांस लेने जैसी है।"
अब इस संगीत लेबल को कुछ फिल्मों जिनमें, शाहरुख की फ़िल्म 'हैप्पी न्यू इयर', अक्षय कुमार की फ़िल्म 'हॉलिडे' और वासु भगनानी द्वारा बनाई जा रही फ़िल्म से अधिकार लेना बाकी है।
संगीतकार समीर कहते है, "'ज़ी' अपने संगीत लेबल को दोबारा से पुनर्जीवित कर रहा है, और यह हमारे लिए बहुत अच्छी बात है। क्योंकि उन्होंने कॉपीराइट एक्ट का पालन करने का वायदा किया है जिसमें वह संगीतकारों को रॉयलिटी और अधिकार देगा।
वहीं टीसीरीज के अध्यक्ष भूषण, और कुमार टी सीरीज म्यूजिक संगीतकार एहसान नूरानी जो इस मीटिंग में भी शामिल थे का कहना है, कि वह इस स्वस्थ प्रतियोगिता के लिए बिलकुल तैयार है। उनका कहना है कि यह अच्छा है कि ज्यादा से ज्यादा कंपनि या संगीत का वितरण करें। वहीं कॉपीराइट एक्ट भी सभी पर लागू होने चाहिए। लेकिन रिकॉर्ड कंपनिया नियमों के कार्यान्वयन में काफी समय लेती है। इसे सुचारु रूप से चलाने के लिए काफी प्रशासन और निगरानी की जरूरत है।
जी एंटरटेनमेंट के सीईओ पुनीत गोयनका से इस मामले में बातचीत नहीं हो पाई है। वहीं जी एंटरटेनमेंट के बिजनेस हेड अनुराग बेदी ने कहा कि "जब ठीक समय होगा तो हम इस पर टिप्पणी जरुर देंगे।"