यौनकर्मियों ने स्क्रीनिंग के बाद कुकुनूर को बताया, "अगर वह मिल जाए तो हम उसे ऐसा सबक सिखाएंगे कि नानी याद आ जाएगी।"
फिल्म की विशेष स्क्रीनिंग ग्रांट रोड स्थित अलंकार सिनेमाघर में रखी गई थी।
जब यौनकर्मियों को पता चला कि दुष्ट दलाल की भूमिका और किसी ने नहीं बल्कि खुद कुकुनूर ने निभाई है तो उन्होंने अपना गुस्सा उन पर उतार दिया। गुस्साए यौनकर्मियों ने उन पर तब तक अपशब्दों की बौछार की जब तक वह वहां से चले नहीं गए।
अपने इस अनुभव पर हंसते हुए फिल्म के सह-निर्माता इलाही हेपतुल्ला ने कहा, "फिल्म की यह स्क्रीनिंग सिर्फ कमाठीपुरा (मुंबई के रेड लाइट जिले) के यौनकर्मियों के लिए थी। माहौल भावुक और जोशपूर्ण था। पर्दे पर जो कुछ दिखाया गया, महिलाओं की उससे पूरी सहानुभूति थी।"
उन्होंने कहा, "उन्हें लगा कि पर्दे पर उनकी और दलाल की कहानी चला दी गई है। दलाल की भूमिका हमारे निर्देशक नागेश ने निभाई है, नागेश ने यौनकर्मियों की जिंदगी में जो बुरा था उसका प्रतिनिधित्व किया।"
कुकु़नूर की फिल्म को पूरे भारतभर की वेश्याओं को दिखाने की योजना है।
हेपतुल्लाह ने कहा, "हमें लगता है कि 'लक्ष्मी' एक फिल्म से परे यौनकर्मियों की जिंदगी के अनुरूप है। हम देश के सभी रेड लाइट क्षेत्रों में फिल्म दिखाना चाहते हैं। लेकिन सबसे पहले हम इसे ग्रांट रोड के अलंकार सिनेमा में रिलीज कराने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि सभी यौनकर्मी इसे देख पाएं।"