अपने जमाने की दिग्गज अभिनेत्री आशा पारेख के लिए यह यकीन कर पाना मुश्किल है कि उनकी दोस्त और हमराज नंदा अब इस दुनिया में नहीं रहीं। वह कहती हैं कि नंदा के इस दुनिया से विदा लेने से एक रात पहले ही उन्होंने उनसे बात की थी। उन्हें यह बात बेहद चुभती है कि उन्हें अपनी दोस्त को अलविदा कहने का मौका तक नहीं मिला।
'गुमनाम' और 'जब जब फूल खिले' सरीखी सफल फिल्मों में संजीदा किरदार निभाने वाली अदाकारा नंदा का मंगलवार सुबह हृदयाघात के चलते अपने आवास पर निधन हो गया। वह 72 साल की थीं।
आशा ने बताया, "मैंने सोमवार रात उनसे बात की थी। हमने बहुत देर तक बात की थी। मंगलवार सुबह उनका निधन हो गया..उन्हें कोई दर्द, यहां तक कि कोई बेचैनी भी नहीं थी। जब आपको अलविदा कहने तक का मौका न मिले तो यह बात बेचैन करती है। आपको जीवन की क्षण भंगुरता की याद हो आती है।"
नंदा और आशा के बीच बहुत घनिष्ठ संबंध था।
आशा ने बताया, "हमारा अपने सभी दोस्तों से रोजाना मिलना होता था। वहीदा रहमान, साधना, हेलन, नंदा और मैं।"
आशा अपनी सहेली के साथ बिताए सभी अच्छे पलों को याद करती हैं।
उन्होंने बताया, "हम दोस्तों की टोली आखिरी बार शनिवार (मार्च 22) को दोपहर के खाने पर मिली थी, यह मुलाकात नंदा को हमसे छीन ले जाने वाले क्षण से महज तीन दिन पूर्व हुई थी। मुझे अचरज होता है कि अब हम दोस्तों की टोली बिना उन्हें याद किए कैसे मिलेगी।"
आशा, नंदा को एक भली इंसान बताती हैं।
उन्होंने कहा, "नंदा ने अपने परिवार से प्यार किया। कुछ वर्ष पूर्व एक भाई की मौत ने उन्हें तोड़ दिया था। उनके दो और भाई थे और उन्हें उनके साथ समय बिताना पसंद था।"
आशा ने कहा, "मैंने न केवल अपनी सहेली, बल्कि अपनी हमराज को भी खो दिया है।"
Thursday, March 27, 2014 19:04 IST