पिता कैफी आजमी द्वारा महिला सशक्तीकरण की कल्पना कर लिखी कविता 'औरत' के वर्षो बाद दिग्गज अभिनेत्री और सामाजिक कार्यकर्ता शबाना आजमी अपनी गैर सरकारी संस्था (एनजीओ) मिजवान वेलफेयर सोसायटी (एमडब्ल्यूएस) के वास्ते मदद जुटाने के लिए अमिताभ बच्चन सरीखे नामचीन बॉलीवुड पुरुष कलाकारों को रैंप पर साथ ला रही हैं। शबाना कहती हैं कि इसका आशय यह संदेश देना है कि पुरुषों को महिलाओं की परवाह है।
हिंदी फिल्मजगत की अलग-अलग पीढ़ियों से ताल्लुक रखने वाले महानायक अमिताभ बच्चन, अक्षय कुमार, फरहान अख्तर, रणबीर कपूर और सिद्धार्थ मल्होत्रा रैंप पर चलकर महिला लिंग भेद के खिलाफ अपना समर्थन जाहिर करेंगे।
मनीष मल्होत्रा का शो 'मैन फॉर मिजवान' शबाना के पिता और चर्चित शायर कैफी आजमी द्वारा स्थापित एक गैर सरकारी संस्था एमडब्ल्यूएस को एक मदद है।
शबाना ने आईएएनएस को बताया, "पुरुषों को महिलाओं की फिक्र है' हमारी इच्छा यह संदेश पहुंचाने की है। यह एक विचार है, जिसका समय आ गया है।"
अपने पिता की कविता 'औरत' के एक अंश का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि पिता ने लिखा था :
"कद्र अब तक तेरी तारीक ने जानी ही नहीं, तुझमें शोले भी हैं बस अश्कफिशानी ही नहीं..उठ मेरी जान मेरे साथ ही चलना है तुझे।"
Thursday, March 27, 2014 19:07 IST