क्या चुनाव के बाद महिलाओं की सुरक्षा और समानता से जुड़े मसले में सुधार देखा जाएगा सोनम ने आईएएनएस से साक्षात्कार के दौरान कहा, "महिलाओं को चालाक बनने की जरूरत है। उन्हें कोई सशक्त नहीं बनाने वाला।"
अभिनेता व फिल्मकार अनिल कपूर की बेटी ने कहा, "अगर हम बदलाव चाहते हैं, हमें खुद बदला होगा। हम इस पर सिर्फ बातचीत और कुछ होने की उम्मीद नहीं कर सकते।"
लोकसभा चुनाव में 81.4 करोड़ व्यस्क जनता अपने मताधिकार का प्रयोग करेगी, जो देश में बदलाव की उम्मीद कर रही है, लेकिन 28 वर्षीय सोनम अलग विचार रखती हैं।
सोनम मानती हैं कि चुनाव में गरिमा खत्म होती जा रही है।
उन्होंने कहा, "ईमानदारी से कहूं तो, मैं राजनीति के बारे में सकारात्मक होना चाहती हूं, लेकिन मैं यथार्थवादी सोच रखूंगी। मुझे लगता है बदलाव बहुत धीरे आएगा। हम किसे वोट दें? हम किससे बात करें? यह सर्कस हो गया है? यह अप्रिय हो गया है। राजनीतिक परिदृश्य में जिस तरह की लड़ाई चल रही है, मुझे यह गंदा लगता है, इसमें कोई गरिमा नहीं बची।"
पिछले कुछ सालों में महिलाओं के खिलाफ अपराध में तेजी आई है और मतदाता इस संबंध में रचनात्मक बदलाव की उम्मीद कर रहे हैं।
सोनम कहती हैं, "महिलाओं को छोड़िए, बड़ी दिशा में देखिए, अगर वे इस तरह लड़ने जा रहे हैं, यह निंदनीय है और अत्यधिक अपरिपक्व है। यह हाई स्कूल के चुनाव की तरह है। यह बेहद मूर्खतापूर्ण है।"
हालांकि, सोनम यह मानती हैं कि अगर जनता वोट करेगी तो धीरे-धीरे ही सही बदलाव आएगा।