गुरिदर को एक दर्शक के रूप में 'देव डी' और 'विकी डोनर' सरीखी हिंदी फिल्में पसंद आई। हालांकि उन्हें जब एक समीक्षक की नजर से 'विकी डोनर' देखी तो पाया कि शुक्राणु दान विषय को लेकर बनी यह फिल्म बड़ी आसानी से एक अंतर्राष्ट्रीय फिल्म बन गई होती।
गुरिदर ने यहां दोपहर में एक एकांतिक भेंट के दौरान आईएएनएस को बताया, "मैंने 'विकी डोनर' देखी। यह बढ़िया पटकथा, फिल्मी मसाला और अच्छी प्रस्तुतियां लिए एक बढ़िया फिल्म है, लेकिन अगर मुझे इसे संपादित करने की इजाजत दी गई तो मैं इसे इस तरह संपादित करूंगी कि बड़ी आसानी से इससे एक अंतर्राष्ट्रीय फिल्म बना लूंगी।"
उन्होंने कहानी कहने की तकनीक पर भी जोर दिया।
गुरिंदर ने कहा, "कहानी कहने की कला महत्वपूर्ण है। इसका आशय कहानी से है न कि इस बात से कि आपने गानों की संख्या कम कर दीं..भारत के लोग ऐसा क्यों नहीं कर सकते?..यह महज एक कौशल है।"
'ऑर्डर ऑफ द ब्रिटिश एंपायर' से सम्मानित गुरिदर उतनी ही शांत मन की और सरल हैं, जितनी वह अपनी फिल्म 'बेंड इट लाइक बेकहम' में 'फीलिंग हॉट, हॉट, हॉट' गीत पर अपनी फिल्म टीम के साथ नृत्य करते हुए लगीं। उल्लेखनीय है कि ऑर्डर ऑफ द ब्रिटिश एंपायर, ब्रिटिश साम्राज्य का सबसे सर्वश्रेष्ठ आदेश है।
वह बेंड इट मीडिया फंड (बीआईएमएफ) में एक अंतर्दृष्टि देने के लिए राजधानी में आई हुई थीं। बीआईएमएफ एक उद्योग है, जिसके लिए वह एवीटी शंकरदास के साथ जुड़ी थी। एवीटी शंकरदास एक मनोरंजक फाइनेंसर और फिल्म निर्माता है। परियोजना के बारे में बात करते हुए गुरिदर ने कहा, "मैंने सोचा कि अगर हमारे पास लोगों को ऐसी फिल्में बनाने के लिए प्रेरित करने का एक माध्यम हो जो व्यापक स्तर, मुख्य विचारधारा, अंतर्राष्ट्रीय या वैश्विक दर्शकों के साथ साथ स्थानीय दर्शकों को भी अपील करे, तो अच्छा होगा।"