वैसे तो गुल पनाग पहले से जाना-पहचाना नाम हैं, लेकिन जब उन्होंने पिछले महीने आम आदमी पार्टी (आप) की उम्मीदवार के रूप में राजनीति में कदम रखा, तो उन्हें जमीनी स्तर से शुरुआत करनी पड़ी।
यह जरूरी भी था, क्योंकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस से उनके दोनों विरोधी प्रत्याशी न सिर्फ उनसे ज्यादा अनुभवी हैं, बल्कि उन्हें देश की दो बड़ी पार्टियों का समर्थन प्राप्त है।
गुल कहती हैं कि वह लोगों और खासकर मीडिया से अपेक्षा रखती हैं कि राजनीति में उनकी भागीदारी को गंभीरता से लिया जाए।
गुल (35) ने चंडीगढ़ में मतदाताओं को संबोधित करते हुए कहा, "मैं नहीं चाहती कि आप मुझे एक अभिनेत्री या पूर्व मिस इंडिया के रूप में देखें। मैं चाहती हूं कि आप मेरे काम को देखें, भविष्य के लिए जो मेरा एजेंडा है, उसे देखें और तब फैसला करें।"
चंडीगढ़ की जनता के बीच अपनी पैठ बनाने के लिए गुल पिछले 20 दिनों से दिन में 20-20 घंटे काम कर रही हैं।
चंडीगढ़ लोकसभा क्षेत्र में गुल का मुकाबला मौजूदा कांग्रेस सांसद और पूर्व रेलमंत्री पवन बंसल और भाजपा प्रत्याशी किरण खेर से है। यहां 10 अप्रैल को मतदान होना है।
चार बार चंडीगढ़ से सांसद रह चुके बंसल इस बार तीन महिला प्रत्याशियों जन्नत जहां (बहुजन समाज पार्टी), किरण खेर और गुल पनाग के बीच अकेले पुरुष प्रत्याशी हैं।
सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल एच.एस. पनाग की सुपुत्री गुल ने आईएएनएस से कहा, "पवन बंसल ने पिछले 15 साल में चंडीगढ़ के लिए कुछ नहीं किया। इस बार यदि मैं यहां से जीतती हूं, तो चंडीगढ़ के विकास के लिए संसद में लड़ूंगी।"
उन्होंने कहा, "यह शहर स्पष्ट रूप से अभिजात वर्ग और अन्य पिछड़े तबकों की बस्तियों में बंटा हुआ है। हमें उन इलाकों तक विकास की रोशनी पहुंचानी है जो पिछड़े हुए हैं। चंडीगढ़ के हर हिस्से का समावेशी विकास होना चाहिए। जरूरत इस बात की है कि यहां के लोगों की बात सुनी जाए। चंडीगढ़ में एक वैश्विक शहर बनने की सारी खूबियां हैं।"