मनोज ने इससे सहमति जताई कि फिल्म और गायन से लोगों के बीच बनी उनकी छवि से उन्हें फायदा हुआ है। उन्होंने आईएएनएस से शुक्रवार को कहा, "यह मेरा सौभाग्य है कि मुझे भोजपुरी सिनेमा में योगदान करने का मौका मिला। मेरे करियर के दौरान आज यह 2500 करोड़ रुपये का उद्योग बन गया है और हर साल 50 से 75 हजार लोगों को रोजगार मुहैया करा रहा है। मैंने समय-समय पर देश के लिए गाना गाया है। करगिल युद्ध में सेना का मान बढ़ाने के लिए गाना गाया। भ्रूण-हत्या, भ्रष्टाचार, करगिल, महंगाई के खिलाफ गाना गाया। मैंने गायकी का सामाजिक उपयोग किया। मुझे पता नहीं था कि मुझे एक दिन इतना बड़ा मौका मिलेगा और मैं भाजपा का प्रत्याशी बनूंगा।"
मनोज 2009 में समाजवादी पार्टी (सपा) के टिकट से उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से चुनाव लड़ चुके हैं, लेकिन भाजपा के योगी आदित्यनाथ ने उन्हें हरा दिया था।
मनोज एक बार फिर राजनीति में किस्मत आजमा रहे हैं। राजनीति में आने के बाद वह गायन और अभिनय को कितना समय देंगे, इस सवाल पर उन्होंने कहा, "मैं गाना जारी रखूंगा। फिल्में कम करूंगा। मैं कोई काम आधे मन से नहीं करता। मैं टीम (नरेंद्र) मोदी का हिस्सा हूं। मैं पांच साल तक क्षेत्र के लिए काम करना चाहता हूं, विलेन नहीं बनना चाहता, पांच साल बाद भी हीरो ही बना रहना चाहता हूं।"
भोजपुरी फिल्म 'ससुरा बड़ा पइसा वाला' से चर्चा में आए मनोज यह मानते हैं कि चर्चित फिल्मी हस्तियों ने राजनीति में आने के बाद अपेक्षा के मुताबिक काम नहीं किया है। मनोज ने कहा, "मुझसे पहले राजनीति में आई फिल्मी हस्तियों के कामकाज से सवाल खड़े हुए हैं, लेकिन मैं अलग इतिहास लिखना चाहता हूं, ताकि जनता को यह लगे कि ये हस्तियां भी काम करती हैं।"