सिद्दीकी ने एक साक्षात्कार में आईएएनएस को बताया, "यह देखना दुखद था कि कई ऐसे लोग थे जिन्हें इस बारे में कुछ नहीं मालूम कि उनका वोट क्यों महत्वपूर्ण है। कुछ इसलिए वोट दे रहे हैं, क्योंकि किसी ने उन्हें सुझाव दिया कि फलां पार्टी को वोट देना चाहिए। बहुत से ऐसे हैं जो उन उम्मीदवारों को वोट करते हैं, जो उन्हें वोट की कीमत देते हैं।"
उन्होंने कहा कि यह एक कड़वा सच है कि अधिकांश लोग मतदान की शक्ति से अनजान हैं।
उन्होंने कहा, "मुझे व्यक्तिगत रूप से महसूस हुआ कि सरकार लोगों को शिक्षित नहीं करना चाहती, क्योंकि इससे जनता सशक्त होगी और सरकार ऐसा नहीं चाहती।"
यह पहली बार था जब 'कहानी' और 'द लंचबॉक्स' सरीखी फिल्मों में अभिनय कर चुके नवाजुद्दीन ने राजनेताओं से सीधे बातचीत की। उनसे विकास और राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता को लेकर बेचैन कर देने वाले सवाल पूछे।
कार्यक्रम के लिए उन्होंने राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के मुखिया लालू प्रसाद यादव और अभिनेता-राजनेता शत्रुघ्न सिंह का साक्षात्कार लिया।
इन साक्षात्कारों से वह इस नतीजे पर पहुंचे कि नेता लच्छेदार जवाब देने में माहिर हैं।
उन्होंने कहा, "वे सभी सीधा और ईमानदारीपूर्ण जवाब न देने की वैश्विक भाषा बोलते हैं।"
नवाजुद्दीन स्वीकारते हैं कि उनकी राजनीति में ज्यादा दिलचस्पी नहीं है और उनका कोई पसंदीदा राजनीतिक दल नहीं है।
उन्होंने कहा कि चैनल के लिए किए कार्यक्रम के जरिए वह यह समझने में समर्थ थे कि भारतीय नेता दोष मढ़ने की रणनीति अपनाते हैं और संजीदगी से काम करने से दूर भागते हैं।
उन्होंने कहा, "हमारे नेता विकास की बात करेंगे लेकिन वास्तव में उनमें से कितने ऐसा करते हैं?"
"वे (राजनेता) जानते हैं कि दोषारोपण की राजनीति कैसे करते हैं।"