लोगों से मुलाकात के लिए वह अलस्सुबह सुखना लेक पर जॉगिंग करने निकल पड़ती हैं और पार्को में सैर करते हुए लोगों से हाथ मिलाती हैं। दोपहर में वह पंजाब विश्वविद्यालय के पास किसी ढाबे में विद्यार्थियों संग राजमा-चावला खाती नजर आती हैं।
चंडीगढ़ में मतदान 10 अप्रैल को है।
पहले चंडीगढ़ सीट से आप की उम्मीदवार दिवंगत हास्य कलाकार जसपाल भट्टी की पत्नी सविता भट्टी थीं, लेकिन बाद में गुल को मैदान में उतारा गया। बॉलीवुड की चकाचौंध भरी दुनिया से सीधे राजनीति में आईं गुल ने स्वयं को राजनीति की मुख्यधारा में पाकर बेहद खुश और उत्साहित हैं।
गुल का मुकाबला कांग्रेस के मौजूदा सांसद और चार बार सांसद रहे चुके पवन कुमार बंसल और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की उम्मीदवार अभिनेत्री किरण खेर से है। गुल चंडीगढ़ के 600,000 से अधिक मतदाताओं को रिझाने की हर तरकीब आजमा रही हैं।
गुल प्रचार अभियान में कहीं मोटरसाइकिल से तो कहीं पैदल चलती दिखाई देती हैं। इसकी वजह वह फंड की कमी बताती हैं और कहती हैं कि इसका एक फायदा यह भी है कि ज्यादा से ज्यादा लोगों से मिल पाती हैं।
यही नहीं, उन्होंने पर्यावरण के प्रति जागरूकता लाने और चंडीगढ़ में बढ़ते यातायात पर चिंता जाहिर करने के लिए साइकिल की सवारी भी करती हैं।
गुल शाम के समय पीजीआईएमआईआर के नजदीक सड़क किनारे के एक ढाबे पर खाना खाती देखी जाती हैं। दिन में पंजाब विश्वविद्यालय परिसर के स्टूडेंट-कैंटीन में राजमा-चावल खाती हैं। गुल ने अपनी पी.जी. (स्नातकोत्तर) की पढ़ाई इसी संस्थान से की है। कई दिन भीड़ भरे बाजार में पान की दुकान पर पान खाती भी नजर आईं।
गुल ने आईएएनएस को बताया, "यह मेरा लोगों के साथ सीधे तौर पर जुड़ने का तरीका है। लोगों के बातचीत करते हुए मैं रोज 25 कप तक चाय पी जाती हूं। चाय न केवल मुझे लोगों से जोड़ती है, बल्कि तरो-ताजा भी करती है।"
गुल के छोटे भाई शेरबीर ने आईएएनएस को बताया, "हम हमेशा से जानते थे कि गुल राजनीति में आएगी। हम फंड और संसाधनों की कमी के बावजूद प्रचार अभियान में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। हम आम आदमी हैं, बड़ी पार्टियों की तरह हमारे पास पैसे नहीं हैं। लेकिन कार्यकर्ताओं और स्वयंसेवकों की एक बहुत समर्पित टीम है। ईमानदार लोग हमारे साथ हैं, समर्थन का आधार भी बढ़ रहा है।"