कंगना कहती है, "हाँ फिल्म में मेरा नाम अलका गुज्जर से बदलकर अलका सिंह कर दिया गया है। फिल्म निर्माता नहीं चाहते कि इसकी वजह से कोई समस्या खड़ी हो। वे नही गुर्जर समाज को नाराज़ नहीं चाहते।"
"मैं जो कुछ भी कह सकता हूँ, वह यह कि यह एक राजनीतिक फिल्म है। यह एक तमाशे (सर्कस) के जैसी है। लेकिन साथ ही इसमें हमारे समाज की कुछ ख़राब मानसिकता को भी दिखाया गया है। साथ ही जाहिर तौर पर यह बिलकुल भी उपदेशात्मक नही है।"
सुनने में ये भी आया है की फिल्म में कुछ दृश्यों को म्यूट कर दिया गया है। फिल्म से जुड़े एक सूत्र का कहना है, "फिल्म के कई सारे गाली-गलौच और कुछ दृश्यों को म्यूट कर दिया गया है। यहाँ तक कि कुछ को तो एडिट भी किया गया है।"
हालाँकि यह भी कहा जा रहा है कि यह दबाव में आकर किया गया है। लेकिन इसके बारे में ज्यादा जानकारी तो फिल्म देखने के बाद ही मिल सकेगी। फिल्म में कंगना के अलावा वीरदास, भी है जो फिल्म राजीतिक पृष्टभूमि पर आधारित इस कहानी को एक असामान्य प्रेमकहानी का मोड़ देती है।