कोलापृथ का दावा है कि तीन साल पहले उन्होंने विज़क्राफ्ट के आंद्रे टीममिनस और विराफ़ सरकारी के साथ अपनी पारिवारिक कंपनी 7एमटूर्स के साथ एक डील की थी। डील के रूप में उनसे वित्त के समन्वय के साथ उनकी मदद करने और अवार्ड सेरेमनी को 2014 में यूनाइटेड स्टेट ले जाने के लिए कहा गया था।
कोलापृथ दावा करते है कि उन्होंने पिछले तीन सालों में वह संगठन के लिए यात्रा की व्यवस्था और परामर्श पर लगभग पर $ 2,65,000 का खर्च कर चुके है। बदले में विज़क्राफ्ट ने उनसे तीन प्रतिशत के मुनाफे का वायदा किया था।
कोलापृथ कहते है कि होटल की व्यवस्था करने से लेकर इवेंट की बुकिंग करनवाने का भी जिम्मा उन्ही का था। यह इवेंट 24 अप्रैल से 27 अप्रैल तक हुई थी। ऐसा लगता है कि निर्मताओं ने अचानक से अपना मन बदल दिया और उस से अपनी सारी बुकिंग रद्द करा कर बुकिंग अपने आप करवाने का फैंसला कर लिया। लेकिन इसके बाद कोलापृथ ने वाइज़क्राफ्ट के ऊपर बिना वाजिब कारण बताए उसके ऊपर 7 लाख अमरीकी डालर 7 छोड़ने के बदले में मुकदमा कर दिया है।
आकर्ष कोलापृथ का पहला दावा: विज़क्राफ्ट/ आईआईएफआ ने द्वारा उन्हें $ 17500000 प्रत्याशित राजस्व में से तीन प्रतिशत देने का वायदा किया गया था। जिसे संस्था शो की मेजबानी से कमाया जाना था। दूसरा दावा: विज़क्राफ्ट/आईआईएफआ $ 17500000 से अधिक के राजस्व में से भी तीन प्रतिशत देने का वायदा किया था। तीसरा दावा:अब उनकी कंपनी 7एम होटल में बुकिंग रद्द होने के कारण $400,000 से भी ज्यादा के नुकसान से गुजर रही है।
कोलापृथ कहते है, "इस से हम बहुत बुरी तरह से प्रभावित हुए है। हम सभी चीजों पर काम करते आ रहे है। वो मैं ही हूँ जिसने उन्हें सौजन्य कर्ताओं से मिलाया था। लेकिन एक बार जब हमने सारी व्यवस्था कर ली तो हमें पता चला कि वे सौजन्य कर्ताओं से सीधे तौर पर बात कर रहे थे। और मुझे इस सारे सीन से बाहर निकालना चाहते थे। उनकी भावना नेक नहीं थी।"
अब उन्हें इस मुद्दे पर तब तक स्टे मिल गया है जब तक इस इवेंट का मामला निबट नही जाता। कोलापृथ कहते है, "वे अब इस मामले को निबटाना चाहते है लेकिन मैं अपने केस को जारी रखूँगा।"
वहीं जब इस बारे में पुख्ता जानकारी के लिए विज़क्राफ्ट और आईआईफा के निर्देशक सब्बस जोसेफ से बात की गई तो उन्होंने कंपनी की तरफ से एक बयान भेजा। "यह जो दावा आकर्ष / 7एम टूर्स की तरफ से किया गया वह झूठा और फ़ालतू है। यह बिना मतलब की एक मनगढ़ंत कहानी है। अब ये मामला न्यायाधीन है, और हम इस दावे का पूरी तरह से कोर्ट में जवाब देंगे।