इस बारे में शाहरुख का कहना है, "मुझे इस शीर्षक के लिए 'वेस्टर्न इंडिया फिल्म प्रोड्यूसर्स (डब्ल्यूआईएफपा) द्वारा संपर्क किया गया था। फिर मुझे 'इंडियन मोशन पिक्चर्स' द्वारा निर्देशित किया गया था। इसके बाद मैने 'टिकेट टू बॉलीवुड' बनाने का फैंसला किया, और इसके लिए ऑडिशन भी शुरू हो चुके है।"
वहीं इसके सह-निर्माता रोशन वंश पाठक का कहना है, "उन्होंने यह शीर्षक 9 सितंबर 2013 को पंजीकृत कराया था। साथ ही हमें (डब्ल्यूआईएफपा) द्वारा भी 25 मार्च 2014 को एक पर्ची दी गई थी।"
लेकिन इसके बाद जल्दी ही खान ने एक एनडीटीवी के एक प्राइम शो का एक होर्डिंग देखा और तभी (आईएमपीपीए) को कॉल किया। इसके बाद फिल्म मेकर्स कंबाइन (एफएमसी) ने शो का नाम बदलने के लिए कह दिया।
शाहरुख आगे कहते है, "मैंने उन्हें बताया कि हम यह शीर्षक पहले ही सितंबर में पंजीकृत करा चुके है, और उन्हें यह पहले ही बताना चाहिए था। इसके बाद उन्होंने जवाब दिया कि इस मामले को मीटिंग में उठाया जाएगा और इसके बारे में आपको जानकारी दे दी जाएगी।हालाँकि यह भी हुआ कि अब हमे (आईएमपीपीए को भी और एनडीटीवी को भी) एक क़ानूनी नोटिस भेज दिया गया है। आईएमपीपीए के अध्यक्ष कहते है कि हमें एनडीटीवी के निर्माताओं द्वारा शीर्षक नहीं दिया गया था। अगर वह इसे बदलने में असमर्थ होते है, तो हम उनके खिलाफ कार्यवाही करेंगे।"
वहीं एनडीटीवी के क़ानूनी सलाहकार का कहना है, "यह एक सोचा समझा कदम लगता है" हमने शो का शीर्षक ट्रेडमार्क की रजिस्ट्री के साथ पंजीकृत कराया था। इसके बाद हमने शो को एक महीने पहले ही छापना और एयर करना शुरू किया है।