फिल्म समीक्षा: '2 स्टेट्स'कास्ट: ​आत्मा के लिए अमृत के जैसी है ​

Sunday, April 20, 2014 17:19 IST
By Santa Banta News Network
अर्जुन कपूर, ​आलिया भट्ट, अमृता सिंह, रेवती, रोनित रॉय ​, शिव सुब्रमण्यम ​

दिशा: अभिषेक वर्मन

रेटिंग: *** (3 ​स्टार)

बॉलीवुड फिल्म निर्माता अब तक अपनी फिल्मों के माध्यम से जिंदगी अनगिनत पहलुँओं पर प्रकाश डाल चुके है। इस बार भी '2 स्टेट्स' के माध्मय से निर्माता करण जौहर और साजिद नाडियावाला ने ऐसा ही कोई मुद्दा उठाया है। ये मुद्दा है एक ऐसे प्रेम और विवाह का जो सिर्फ अंतर-जातीय ही नहीं है बल्कि अंतर- क्षेत्रीय भी है। फिल्म का विचार चेतन भगत के लोकप्रिय उपन्यास '2 स्टेट्स' से लिया गया है। ​

​ ​हालाँकि यह विचार कुछ नया नहीं है। क्योंकि 80 के दशक में भी कमल हासन और रति अग्निहोत्री पर एक ऐसी ही फिल्म 'एक दूजे के लिए' बन चुकी है। जिसमें एक दक्षिण भारतीय लड़का एक उत्तर भारतीय लड़की के प्रेम में पड़ जाता है। लेकिन इस बार '2 स्टेट्स' में फिल्म को इस युग की शैली में बदल दिया गया है।

​ ​चेतन भगत का यह नॉवेल वास्तव में एक बार फिर से दक्षिण और उत्तर भारत के बीच अंतर को बताता है। जहाँ उत्तरी भारतियों के लिए दक्षिण का मतलब है मद्रास। वहीं दक्षिण भारतियों के लिए उत्तर भारत का मतलब सिर्फ एक घमंडी प्रदर्शन से ज्यादा कुछ नहीं है। खैर फिल्म में जब दो अलग-अलग क्षेत्रों और जाती के लड़का और लड़की एक दूसरे के प्रेम में पड़ते है और फिर शादी करते है, तो यह गठबंधन सिर्फ दो लोगों के बीच नही होता बल्कि दो अलग-अलग क्षेत्रों के परिवारों के बीच में होता है। जिसमें सिर्फ लड़के और लड़की की आपस में कैमिस्ट्री अच्छी होनी ही नही बल्कि परिवारों के बीच में भी अच्छी होनी जरुरी है। उनके बीच भी प्रेम होना जरुरी है। और अगर ऐसा होता है तभी ये पति और पत्नी अपने पारिवारिक संबंध को सुचारू रूप से आगे बढ़ा सकते है।

​फिल्म की शुरुआत होती है, दो क्यूट युवाओं ​कृष मल्होत्रा ​​(अर्जुन कपूर) और अनन्या स्वामीनाथन ​ (आलिया भट्ट) से। ये दोनों आईआईएम अहमदाबाद से पढाई के दौरान एक दूसरे के प्रेम में पड़ जाते है। जो एक दूसरे के प्रेम में पडने के बाद शादी करना चाहते है। लेकिन अब दोनों के सामने जो मुद्दा है वह है अपने-अपने परिवारों को ये बात बताने और मनाने का। लेकिन दोनों का अलग-अलग क्षेत्रों और जातियों से होने के कारण ये इनके लिए बहुत मुश्किल काम है। जहाँ कृष एक पंजाबी परिवार से ताल्लुख रखता है वहीं अनन्या एक तमिल ब्राह्मण परिवार से है। अब दोनों के सामने मुश्किल है कि कैसे ये दोनों अपने-अपने माता-पिता को इस चीज के लिए राजी करते है। और क्या इनके माता-पिता मान जाते है।

​अब क्योंकि यह एक अनुभवी लेखक के लोकप्रिय नॉवेल पर आधारित फिल्म है इसलिए इसकी कहानी पर प्रश्न चिन्ह नहीं लगाया जा सकता। साथ ही जहाँ तक कि फिल्म के बड़े पर्दे पर फिल्मांकन की बात है तो तो फिल्म को इतनी रचनात्मकता से पर्दे पर उतारने का श्रेय स्क्रीन प्ले लेखक अभिषेक वर्मन को जात्ता है, जिन्होंने हर एक बारीकी को ना सिर्फ फिल्म में उतारा है बल्कि अलग-अलग संस्कृति की भावनाओं को भी आचे से व्यक्त किया है। साथ ही उन्होंने चेतन के नॉवेल की वास्तविकता को भी बना कर रखा है।

​जहाँ तक फिल्म में अभिनय का सवाल है तो फिल्म के सभी कलाकारों ने अपने-अपने भाग को पूरी मेहनत से निभाया है। जो फिल्म की गुणवत्ता को और भी बढ़ा देता है। अभी तक 'गुंडे' और 'इश्कजादे' जैसी फिल्मों में रफ एंड टफ भूमिका निभाने के बाद अर्जुन कपूर इस फिल्म में एक दम अलग भूमिका में नजर आए है। फिल्म में वह बेहद आकर्षक, शिष्ट और शरारती अलग-अलग रूपों में सामने आये है। वहीं आलिया को इस फिल्म में देख कर लगता है कि वह अब एक अभिनेत्री के तौर पर परिपक्व​ हो गई है। इसके अलावा उनकी विश्वास के द्वारा बोले गए डाइलॉग, उनके प्रभावी हाव-भाव ने उनके किरदार को जादुई बना दिया है।

​ ​वहीं फिल्म के बाकी सह-कलाकार जिनमें अमृता सिंह, रोनित रॉय, रेवती और शिव ​ ​सुब्रमण्यम ​​ बेहद वास्तविक और परिस्थियों में ढल गए लगते है। ​
'इमरजेंसी' रिव्यू: पुरानी भारतीय राजनीतिक की उथल-पुथल का एक नया नाटकीय वर्जन!

राजनीतिक ड्रामा इमरजेंसी दर्शकों को भारतीय इतिहास के सबसे विवादास्पद दौर में वापस ले जाती है - 1975 में लगाया गया

Friday, January 17, 2025
'आज़ाद' रिव्यू: राशा थडानी और अमन देवगन की रोमांटिक जोड़ी दर्शकों का मनोरंजन करने में कामयाब?

गोविंद खुद को आज़ाद की ओर आकर्षित पाता है, जो विद्रोही नेता विक्रम सिंह का एक राजसी घोड़ा है। विक्रम की दुखद मौत के

Friday, January 17, 2025
'फ़तेह' रिव्यू: अंत तक सस्पेंस बना कर रखता है सोनू सूद का स्टाइलिश एक्शन से भरपूर ईमानदार किरदार!

कोविड-19 महामारी के समय लोगों के लिए मसीहा बन कर सामने आए बॉलीवुड अभिनेता सोनू सूद आज के समय में किसी

Friday, January 10, 2025
'स्क्विड गेम 2' रिव्यू: पहले से काफी ज्यादा रोमांचक और खतरनाक हो गया है खूनी पैसों का खेल!

इस बात का तो सभी को पता है कि हॉलीवुड अपने मुनाफे को डबल करने के लिए हर कहानी को छोटे-छोटे पार्ट में बाँट देता है| लेकिन 'स्क्विड गेम' के पहले सीजन

Thursday, December 26, 2024
'पुष्पा 2: द रूल' रिव्यू: जंगली फूल बने अल्लू अर्जुन का तस्करी आंतक जारी!

अगर आपको पता हो फिल्म 'पुष्पा' का पहला पार्ट 17 दिसंबर 2021 को कोविड लॉकडाउन हटने के बाद बड़े पर्दे पर रिलीज़ किया गया था| इस मूवी के हिंदी, तेलुगू, तमिल और मलयालम भाषा जैसे सभी वर्जन को

Thursday, December 05, 2024
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT