तिवारी ने कहा, "यह महज एक इत्तेफाक है कि मेरी पहली दो फिल्मों में बच्चे केंद्रीय भूमिका में हैं। मेरी अगली फिल्म इन दो फिल्मों से पूरी तरह हटकर होगी।"
वह खुश हैं कि महानायक अमिताभ बच्चन और पार्थ थालेराव अभिनीत 'भूतनाथ रिटर्न्स' को दर्शकों ने गर्मजोशी से स्वीकार किया।
तिवारी पूर्व में 'चिल्लर पार्टी' फिल्म में बाल कलाकारों की टोली के साथ काम कर चुके हैं।
तिवारी इससे पूर्व शूटिंग के दौरान बाल कलाकारों को ना कहने की पीड़ादायक प्रक्रिया से गुजर चुके हैं। उन्होंने कहा, "मैं जब अपने विज्ञापनों की शूटिंग कर रहा था तो यह कई बार हुआ। जो बच्चे मुझसे मुलाकात करते समय तारों जैसे टिमटिमाए, वह बाद में कैमरे के आगे गुमसुम हो गए। उनकी जगह किसी दूजे को लेना बहुत पीड़ादायक था।"
उन्होंने बताया कि 'भूतनाथ रिटर्न्स' में 'अखरोट' की भूमिका के लिए पार्थ पहली पसंद नहीं थे। उन्होंने कहा, "भूतनाथ रिटर्न्स' में हम टाइट शेड्यूड पर काम कर रहे थे। कोई भी गड़बड़ घातक होती।"
उन्होंने बताया, "कई ऑडिशन के बाद मैंने दो बच्चों को चुना। उनमें से एक ओवैस ने बहुत कम अंतर से यह भूमिका गंवाई। मैंने ओवैस को फिल्म में अन्य भूमिका की पेशकश की, चूंकि मैं उसे हारा हुआ महसूस नहीं कराना चाहता था। इतनी कम उम्र में अस्वीकृति उन नाजुक कंधों पर एक भयावह बोझ हो सकती है।"
तिवारी का कहना है कि उन्होंने पार्थ को इसलिए चुना क्योंकि वह पहले ही एक मराठी फिल्म में काम कर चुके थे और जानते थे कि फिल्म में कैमरे का सामना कैसे करना है।
निर्देशक तिवारी महानायक अमिताभ बच्चन को बच्चे को अपनी छत्रछाया में लेने का भी श्रेय देते हैं।