प्रियंका 'सात खून माफ', 'बर्फी', 'फैशन' सरीखी फिल्मों से अपने अभिनय का लोहा मनवा चुकी हैं, लेकिन उनका कहना है कि उनमें हमेशा ही असफलता का डर था।
उन्होंने कहा, "मुझमें असफलता को लेकर बहुत बड़ा खौफ है। फिल्म मुझे सक्रिय रखती है। अगर फिल्म असफल होती है तो बुरा लगता है। मैं दो सप्ताह तक कमरे में रहती हूं। मैं जब 'बर्फी' कर रही थी तो लोगों ने मुझसे कहा कि यह नायिका की भूमिका वाली फिल्म नहीं है, इसे मत करो। लेकिन मुझे यकीन था कि मैं इसे करूंगी और मैं इसे मिली प्रतिक्रिया से खुश हूं।"
फिल्मोद्योग में बतौर अभिनेत्री अपने सफर को याद करते हुए उन्होंने कहा, "मेरे लिए अभिनय संयोग की बात है। मैं जब मिस वर्ल्ड बनी तो 17 साल की थी। मैं एक अग्रणी फिल्म पत्रिका पढ़ रही थी और मैंने अमिताभ बच्चन का साक्षात्कार पढ़ा, जिसमें उन्होंने कहा कि यह महत्वपूर्ण नहीं है कि एक शख्स एक फिल्म में कितने दृश्य देता है। महत्वपूर्ण तो यह है कि लोग जब फिल्म देखकर सिनेमाघर से बाहर निकलें, तो आपको याद रखें।"
मॉडल-अभिनेत्री प्रियंका फिल्म निर्माता-निर्देशक मधुर भंडारकर की फिल्म 'फैशन' में अपने दमदार अभिनय की बदौलत प्रतिष्ठित राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीत चुकी हैं। उनका कहना है कि उन्होंने कभी इस पुरस्कार की उम्मीद नहीं की।
प्रियंका ने कहा, "मैंने कभी उम्मीद नहीं की कि मुझे राष्ट्रीय पुरस्कार मिल सकेगा। मुझे अपराह्न् 4 बजे फोन आया और उसके बाद सोने चली गई। कुछ देर बाद, लोगों ने साक्षात्कार के लिए दरवाजे पर दस्तक देनी शुरू कर दी..यह मेरे जीवन का एक खास अनुभव था।"