संयुक्त राष्ट्र के कुछ सम्मान अनुभा गों में इस बार अकेली पहली फ़िल्म भरतीय फ़िल्म होगी 'तितली'। मजेदार बात ये है कि 'तितली' एक दिल्ली में स्थित एक परिवार पर आधारित कहानी है। जिसे कानू बहल निर्देशित करेंगे। फिल्म का निर्माण दिबाकर बनर्जी यशराज के साथ मिलकर करेंगे। ये फिल्म बहल के निर्देशन में बनने वाली पहली फ़िल्म होगी। जबकि इस से पहले वह 'ओये लक्की लक्की ओये' में सह-सहायक रह चुके है। "
वह कहते है, "मैं पहले भी कुछ लिख रह था और दिबाकर उस से खुश नही थे। इसलिए मैंने इसे लिखने में पूरे छः महीनें का समय लिया। वास्तव में यही था जो मैँ करना चाहता था। मैंने इसमें बेहद गहराई से देखा और यह मेरी स्टोरी का सबसे ईमानदार अनुभव था। ये कुछ ऐसा था जिस पर मैं गुस्सा आ रहा था जिस पर मैं ज़ोर से चिल्लाना चाहता था। मैंने कहानी तैयार कर ली थी और जल्द ही इसके ड्राफ्ट पर काम करना शुरु कर दिया। जब मैं खुद अपने काम से संतुष्ट हो गया तो मैने दिबाकर को प्रस्ताव दिया। इसे देखने के बाद वह बहुत उत्साहित हुए। उन्होंने कहा मैं इसे अभी बनना चाहता हूँ।"
इसके बाद बहल को भी यह विचार बेहद पसंद आया और उन्हें बहल के रूप मे एक आदर्श निर्माता नजऱ आया। इसके बाद उन्होंने ना सिर्फ़ मेरे काम को सराहा बल्कि मुझे फ़िल्म के बहुत से कमर्शियल मामलों से भी बचाया। साथ ही फिल्म में उन्होंने बहुत विश्वास भी दिखाया। और जहाँ मैं भटका वहां मुझे रास्ते पर भी लेकर आए।
हालाँकि दिबाकर का कहना है, "वह अपनी फ़िल्म के अलावा किसी और की फ़िल्म को बनाना नही चाहते थे। मैंने हमेशा इस तरह के निर्माण से अलग रहने की सोची थी। मैं अनुराग कश्यप जैसे लोगों से जला करता था जो इस तरह से अपना पैसा बर्बाद करते है। लेकिन जब मुझसे कानू ने यह अनुरोध किया कि मैं उसकी फ़िल्म बनाऊ। लेकिन पहले जो विचार उन्होंने मुझे बताया वह मुझे पसंद नही आया। लेकिन जब वह दोबारा से मेरे पास अपनी स्क्रिप्ट 'तितली' लेकर आए तो यह एक चौंकाने वाला और मूल मुद्दा था। मैं कानू की स्क्रिप्ट पर पूरी तरह से बिक गया और कानू भी बहुत चालाक था वह मेरे हां कहने का इंतजार करता रहा। इसके बाद स्क्रिप्ट 'स्क्रिप्ट लैब' में गई। और यह वहां बेहद उम्दा प्रॉपर्टी थी। बल्कि ऐसे कुछ और निर्माता भी थे जो इस स्क्रिप्ट को लेना चाहते थे। लेकिन अब मैं कह सकता हूँ कि इस फ़िल्म को करने के बाद मैं एक निर्माता के निर्माता के तौर पर निखर गया हूँ। यह एक आपसी सहमति से होने वाली पुरस्कृत प्रक्रिया थी।
Thursday, May 01, 2014 16:53 IST