ये मामला उस वक़्त बिगड़ गया जब आंदोलनकारियों ने महल से हटाए जा रहे एंटीक आइटम के खिलाफ अपना विरोध प्रदर्शन करने के लिये इकट्ठे हो गये।
सूत्रों के अनुसार, "फ्लैगस्टाफ हाउस, मंसूर अली खान पटौदी की पैतृक संपत्ति, जिनकी मां भोपाल के आखिरी नवाब, हमीदुल्लाह खान की बेटी थी।"
हाल ही में, शाही परिवार के सदस्यों ने अपने-अपने हिस्से की जायदाद को आपस में बांटने का प्रयोग किया है। जिसमें कलाकृतिया भी सम्मिलित है। लेकिन एक शहर आधारित संगठन ने इन कलाकार्तियों को फ्लैगस्टाफ हाउस से ले जाने का विरोध किया है।
सूत्र आगे कहते है, "हालाँकि शर्मीला भोपाल के अहमदाबाद में कोह ए फिजा क्षेत्र में स्थित फ्लैगहाउस को बेचना चाहती है, लेकिन उनके इस फैंसले का उनके क़ुछ रिश्तेदारों द्वारा विरोध किया जा रहा है।"
भोपाल के स्थानीय नागरिकों में से कुछ द्वारा एक याचिका दायर की गई है। जिसकी अगली सुनवाई 6 मई को होगी। सूत्रों का कहना है कि सुनने में आया है कि समिति के चेयरमैन जिन्होंने बुद्धवार को विरोध करने की योजना बनाई थी वह जगह पर समय पर नही पहुँच सके। हालाँकि जब वहां शर्मिला पहुंची तो बड़ी संख्या में मीडिया भी पहुंच गई थी। जहाँ कुछ कलाकृतियों को भी इक्ट्ठा किया गया था। इसके बाद शर्मीला ने वहां से निकलकर होटल तक पहुँचने के लिये पुलिस को बुला लिया। इसके बाद पुलिस ने वहां पहुँचकर शर्मिला को सुरक्षापूर्वक होट्ल पहुंचाया।"
भोपाल के ही एक सूत्र ने इस बात की पुष्टि की है कि शर्मीला को पुलिस की सहायता लेनी पड़ी। हालाँकि शर्मीला ने इस पर कोइ भी टीप्पणी करने से यह कहते हुए मना कर दिया कि मैं इस मुद्दे पर कोइ बात नही करना चाहती।