'मिस्टर नटवरलाल', 'उमराव जान' और 'सिलसिला' जैसी हिंदी फिल्मों से अभिनय की अमिट छाप छो़डने वाली सदाबहार अभिनेत्री रेखा कहती हैं कि वह कभी भी अभिनेत्री बनना नहीं चाहती थीं। लेकिन अब, जब वह पीछे मु़डकर देखती हैं, तो उन्हें खुशी होती है कि उन्होंने अभिनय को करियर के रूप में चुना।
रेखा (59) ने कहा, "फिल्म जगत में आना मेरी पहली पसंद नहीं थी, लेकिन मैं खुश हूं कि यह हुआ। मुझे लगता है कि मैं इसके काबिल थी। वह कहती है, "फिल्म "खून भरी मांग" करते समय मुझे महसूस हुआ कि मैं सिर्फ और सिर्फ अभिनेत्री बन सकती हूं और कुछ नहीं।"
रेखा फिल्म निर्देशक सुभाष घई के ह्विसलिंग वूड्स इंटरनेशनल इंस्टीटयूट में "सेलेब्रेट सिनेमा" महोत्सव में शिरकत करने पहुंची थीं। समारोह में उन्होंने अपने जीवन और करियर के बारे में भी विचार साझा किए।
राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता अभिनेत्री रेखा ने बाल कलाकार के रूप में 1966 में फिल्मों में काम करना शुरू किया था। फिल्म 'खूबसूरत' और 'उमराव जान' में उनके अभिनय को काफी सराहा गया था और 'उमराव जान' के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का राष्ट्रीय पुरस्कार दिया गया था।
उन्होंने कहा,"मुझे एक के बाद एक फिल्मों के प्रस्ताव मिल रहे थे। हर तरह की भूमिका के प्रस्ताव मेरे पास आ रहे थे। मैंने किस्मत समझकर फिल्में स्वीकार करना जारी रखा।"
उन्होंने कहा, "मुझे जो कुछ भी मिला, मैंने उसका सम्मान किया। मैंने काम का मूल्य समझा, अपने काम का लुत्फ उठाया और मेरे साथ दुनिया ने भी इसका लुत्फ लिया।"
अब रेखा जल्द ही अभिषेक कपूर की फिल्म "फितूर' में नजर आएंगी।
मैं फिल्मों में काम करना नही चाहती थी : रेखा
Tuesday, May 20, 2014 14:30 IST
