ऐसा लगता है कि यह नई सीबीएफसी ने ऐसा नई सरकार के परंपरागत दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए किया है। हालाँकि अभी तक तो नरेंद्र मोदी ने एक प्रधान मंत्री के तौर पर शपथ भी नही ली है। सीबीएफसी इस से पहले ही सजग हो गई है। लगता है कि उन्होंने इस तरह के दृश्यों पर थोड़ा शख्ती बरतने की योजना बना ली है।
बुधवार को करण जौहर की फिल्म 'हम्प्टी शर्मा की दुल्हनिया' का प्रोमो सीबीएफसी के पास पंजीकरण के लिए भेजा गया था। लेकिन प्रोमो देखने के बाद सेंसर बोर्ड ने करण जौहर से आलिया और वरुण के किस सीन को हटाने के लिए कह दिया।
बोर्ड से जुड़े एक सूत्र का कहना है कि हालाँकि करण जौहर की टीम ने बोर्ड के इस फैंसले पर सवालिया निशाँन उठाया है। क्योंकि उनकी इस से पहली फिल्मों में भी जैसे '2 स्टेट्स' में भी इस तरह के दृश्य रखे गए थे। लेकिन इस बार बोर्ड अभिनेताओं के किस सीन के क्लोज़अप से सहमत नही हुआ। हालाँकि उन्होंने इसे दूर से फिल्माने की अनुमति दे दी है।
साथ ही सूत्र ये भी कहता है कि पूरे देश के क्षेत्रीय बोर्ड को अब फिल्मों में हद से ज्यादा स्किन शो, ख़तरनाक सामग्री और आंतरिक दृश्यों पर नजर रखने के लिए कहा गया है। साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि यह सीबीएफसी का इशारा है जिसमें वह 'देखते जाओ' की रणनीति अपना रहे है।
साथ ही याद हो तो भाजपा की कला और संस्कृति प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय संयोजक, महेश त्रिपाठी ने हाल ही में कहा था कि वह ऐसी फिल्मों को समर्थन देंगे जो भारत की संस्कृति और मूल्यों को दिखाएगी। और उसमें मजबूत भारतीयता होगी।
धर्मा प्रोडक्शंस के सीईओ अपूर्व मेहता ने इस खबर की पुष्टि करते हुए कहते है, "हर हफ्ते बहुत सी फिल्में प्रदर्शित होती है। लेकिन वे मुश्किल से ही कहीं भारतीय संस्कृति को चरितार्थ करती है।"
वह आगे कहते है कि हाँ सेंसर बोर्ड ने हमसे फिल्म में से किस सीन को हटाने के निर्देश दिए है।