उनका मानना है कि यह आत्मकथा काफी लोगों के लिए प्रेरणादायक होगी। उनकी बेटी सुनैना ने उनके जीवन के सफर को अपनी सचित्र जीवनी 'टू डैड, विद लव' में समझाया है।
राकेश इस बात से अनजान थे कि सुनैना उन पर किताब लिखने की योजना बना रही थीं। लेकिन अब उनकी योजना अपनी कहानी अपने तरीके से सुनाने की है।
64 वर्षीय राकेश रोशन ने एक साक्षात्कार में बताया, "यह शुरुआत है। मैं एक आत्मकथा लिखने जा रहा हूं। बांटने के लिए बहुत से अनुभव हैं और मुझे लगता है कि लोग उनसे बहुत कुछ सीखेंगे। क्योंकि मैंने जिंदगी में कई चीजें बड़े मुश्किल भरे रास्ते पर चलकर और कड़ी मेहनत से सीखी है।
उन्होंने कहा, "आप जितनी मुश्किलों से आगे बढ़ते हैं, लिखने के लिए उतनी ही ज्यादा बातें होंगी। "रोशन ने वर्ष 1977 में फिल्मक्राफ्ट प्रोडक्शन नाम से अपना खुद का प्रोडक्शन हाउस शुरू किया, जिसके तहत 'आप के दीवाने', 'कामचोर' और 'भगवान दादा' सरीखी फिल्में बनीं।वह 25 वर्षो से अधिक समय से निर्देशक के रूप में सक्रिय है। लेकिन उन्होंने इन वर्षो में मात्र 13 फिल्मों का निर्माण किया। वह अभी भी अपनी अगली फिल्म को लेकर जल्दी में नहीं है। राकेश ने चेहरे पर एक सुकूनता का भाव लिए हुए कहा, "मैं जल्दी में नहीं हूं। मुझे जब तक एक विषय नहीं मिल जाता, मैं कुछ भी शुरू नहीं करने वाला। मैं एक फिल्म सिर्फ तभी शुरू करता हूं, जब मेरा दिलोदिमाग कहता है, 'यह सही कथानक है।"