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​मैं ​असफलताओं से नहीं घबराता : आयुष्मान

अभिनेता-गायक आयुष्मान खुराना विभू पुरी की फिल्म 'हवाईजादा' में एक वैज्ञानिक और फिल्म 'दम लगा के हइशा' में करीब-करीब एक अनपढ़ की भूमिका निभा रहे हैं। वह सुजीत सरकार की फुटबॉल पर आधारित फिल्म भी कर रहे हैं। वह न असफलताओं से डरे और न सफलता को ही सिर चढ़ने दिया है। पेश है ​ उनसे बातचीत के कुछ अंश :

प्रश्न: आप 'हवाईजादा' में वैज्ञानिक शिवकर बाबूजी तलपड़े की भूमिका निभा रहे हैं?
उत्तर: हां ​​, फिलहाल मैं उसकी शूटिंग कर रहा हूं। यह बनाने के लिहाज से बहुत मुश्किल फिल्म है।

​​ प्रश्न: ​ और आप 'दम लगा के हइशा' में कुमार शानू के प्रशंसक की भूमिका भी निभा रहे हैं?
उत्तर: ​ ​हां, हम फिल्म में ऐसा करेंगे क्योंकि यह 1990 के दशक की पृष्ठभूमि लिए हुए है, जब कुमार शानू संगीत के क्षेत्र की सबसे बड़ी ताकत थे..मैं 1990 के दशक के दौरान स्कूल में पढ़ता था। मुझे याद है कि मैं अपनी पहली प्रेमिका के लिए 'फिर तेरी कहानी याद आई' गीत गाया करता था।

प्रश्न:​ जब आपकी पत्नी यह पढ़ेंगी तो आपको बहुत सुनाएंगी?
उत्तर: अरे नहीं नहीं। वह सब जानती हैं।

प्रश्न:​ ​आप सुजीत सरकार की फिल्म भी कर रहे हैं?
उत्तर: हां, यह शायद जनवरी 2015 में शुरू होगी।

प्रश्न:​ क्या आप 'बेवकूफियां' की बॉक्स ऑफिस परफॉरमेंस से निराश हुए थे?
उत्तर: मैं निराशा और खुशी दोनों ही बहुत ज्यादा जाहिर नहीं करता। मैं दोनों ही स्थितियों में तटस्थ बना रहता हूं..मैं सफलता और असफलता दोनों के प्रति ही जड़ हो गया हूं। मुझे 'बेवकूफियां' के लिए अच्छी प्रतिक्रिया मिलीं। मेरे लिए वही काफी है। मेरे ख्याल से असफलता भी सफलता जितनी ही महत्वपूर्ण है।

प्रश्न:​ ​गायक के रूप में क्या योजनाएं हैं?
उत्तर: बहुत सी योजनाएं हैं। मैं 'हवाईजादा' में दो गीत गा रहा हूं। मैंने फिल्म में गालिब के 'दिल-ए-नादान' का रूपांतरण किया है।

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