शिवाजी लोतन पाटिल द्वारा निर्देशित इस फिल्म में एक सिख दंपत्ति की जिंदगी दंगों में कैसे उजड़ गई, इसका यथार्थ चित्रण है। सोहा ने किरदार पर पकड़ बनाने के लिए सब कुछ किया।
वह अपने किरदार के लिए पंजाबी भी सीख रहीं हैं। सोहा ने बताया कि हां, मैं अपने किरदार के लिए पंजाबी सीख रही हूं और अपने वेश पर काम किया है । यह वास्तविक घटना पर आधारित फिल्म है। उन्होंने कहा कि मुझे अपना नया लुक पसंद है । यह 1984 से बहुत मिलता है।
बकौल सोहा, फिल्म में अभिनेता वीर दास मेरे पति की भूमिका में हैं। वह एक मिलनसार सरदार हैं । उसके बाद चीजें आक्रामक हो जाती हैं। यह वास्तव में एक रोमांचक फिल्म है, जो मेरी पसंदीदा शैली है।
16 मई को गंगराना में सोहा की शूटिंग स्वेच्छा से रोक दी गई थी। इस बारे में सोहा ने बताया कि हम सभी शूटिंग के लिए तैयार थे, लेकिन प्रोडक्शन टीम ने सलाह दी कि चुनाव के नतीजे आ रहे हैं, ऐसे में शायद शूटिंग करना सुरक्षा के लिहाज से सही न हो। इसलिए हमने उस दिन शूटिंग न करने का निर्णय लिया। वरना शूटिंग तो एकदम सुचारु रूप से चल रही है।