'ज़ख्म' फिल्म से अपने अभिनय के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीतने वाले अजय देवगन कहते हैं कि उन्होंने 1998 में आई 'जख्म' जैसी स्क्रिप्ट फिर सुनने को नहीं मिली। उनका मानना है कि नई पीढ़ी के लेखक अब इस तरह की कहानियां नहीं लिख रहे हैं।
उन्होंने कहा,"'जख्म' के बारे में मैं कहूंगा कि यह फिल्म मेरे बेहतरीन चरित्रों में से एक है। यही कारण था कि जब मैंने महेश भट्ट से इसकी कहानी सुनी तो यह इतनी दिल को छूने वाली थी कि मेरी आँखों में आंसू आ गए थे।"
अजय स्वीकार करते हैं कि लोग आज गैर व्यावसायिक सिनेमा के साथ प्रयोग कर रहे हैं। वह कहते हैं, "समस्या ये है कि मैंने 'ज़ख्म' जैसी फिल्मों की कहानी नही सुनी।"
"मैं एक ऐसा था जिसने यह चलन 'जख्म', 'तक्षक' और 'रेनकोट' से ही शुरू किया था, व्यावसायिक सिनेमा के दूसरे अभिनेताओं ने इस तरह की फिल्में कभी नहीं की। आजकल की पीढ़ी में से वह गहराई गायब है, और लोग भी वैसी स्क्रिप्ट नही लिख रहें है।"
'ज़ख्म' में अजय के साथ पूजा भट्ट ने काम किया था और इस फिल्म में समकालीन समाज के दो धर्मों के बीच सांप्रदायिक तनाव को दर्शाया गया था।
Friday, June 27, 2014 12:44 IST