प्रीति का कहना है कि वह सबसे ज्यादा इस बात से परेशान हैं कि उनकी इस स्थिति और की गई शिकायत पर जो मीडिया और लोगों ने प्रतिक्रियाएं दी हैं, वह बेहद निराशाजनक हैं। लोगों ने उनकी बातों का गलत मतलब निकाला है। जिसमें उनके ऊपर पब्लिसिटी स्टंट का आरोप लगा है। साथ ही वह उन लोगों की भी सराहना करती हैं, जिन्होंने उनके पक्ष में आवाज उठाई है। वह कहती हैं कि उनकी एफआईआर स्पष्ट है लेकिन उसके बावजूद लोगों का अलग-अलग तरह से उसके मायने निकालना सिर चकराने वाला है और कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं कि उन्होंने ऐसा क्यों किया? उनके इस कदम के पीछे क्या मकसद है इत्यादि, इसलिए उन्होंने सार्वजनिक तौर पर लोगों को समझाने के लिए अपना पक्ष रखा है।
वहीं व्यक्तिगत मामले पर उनकी प्रतिक्रिया है कि वाडिया से उनका रिलेशन 2009 में ही उन्होंने खत्म कर दिया था। उससे पहले जो कुछ भी उन दोनों के बीच हुआ, वह इससे पहले कभी पुलिस के पास नहीं गई। अब रिश्ते के खत्म होने के 6 साल हो चुके हैं तो इसलिए यह मामला व्यक्तिगत रिश्ते का नहीं रहा।
वहीं पैसे के मसले पर उन्होंने कहा, उन्होंने आईपीएल के दौरान वाडिया को आर्थिक तौर पर 5 करोड़ की मदद की थी। बाद में उन्होंने पैसे लौटा दिए। वह खुद्दार शख्स हैं और उन्होंने कभी किसी से कुछ नहीं लिया। पैसा उनकी जिंदगी का मकसद नहीं है। कौन बनेगा करोड़पति में उन्होंने जो रकम जीती, उसे उन्होंने वाडिया चिल्ड्रन हॉस्पीटल को दान कर दिया। अगर पैसा ही उनकी जिंदगी का मकसद होता तो वह शानदार अमरोही की वसीयत को नहीं ठुकरातीं। वह उनको बेटी मानते थे और उनकी जायदाद करोड़ों में है।
पब्लिसिटी के मामले पर उन्होंने कहा, कोई भी इस तरह की गंदी पब्लिसिटी नहीं चाहेगा क्योंकि यह गर्व करने से ज्यादा अपमान जनक है। उस समय और जब आप एक खुद्दार शख्स हों। उनको अपनी कई फिल्मों के लिए बेहतरीन अदाकरा का पुरस्कार मिल चुका है। उनको किसी पब्लिसिटी की जरूरत नहीं है।
अमेरिका जाने के सवाल पर प्रीति ने कहा कि वह अपने काम के मकसद से वहां गई थीं। उन्होंने उस काम के लिए पहले से ही वादा किया था। वह एक पेशेवर महिला हैं और वह नहीं चाहेंगी कि उनकी वजह से काम रूक जाए।
सीट के लिए झगडे के सवाल पर उन्होंने कहा कि वह जहां बैठी थीं वहां 50 सीटें और 35 वीआईपी सीटें थीं। वह और उनके मित्र 6 सीटों पर बैठे थे , यह एक मुद्दा बन गया। पूरे आईपीएल में उन्होंने अपनी सीटें खिलाडियों के परिवार के सदस्यों को दे दी, यह गलत था। किसी की मां का अनादर करने का प्रश्न ही नहीं उठता है क्योंकि एक बार वह अपना नाम भूल सकती हैं लेकिन अपने संस्कार नहीं भूल सकती हैं।
एफआईआर करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि कई सालों तक कई बार चेतावनी देने के बावजूद अब उनके पास कोई और विकल्प नहीं बच गया था। हिंसा या आक्रामक व्यवहार किसी भी गरीब या अमीर, महिला या पुरूष, सेलेब्रिटी या सामान्य शख्स को बर्दाश्त नहीं करना चाहिए।
ईष्र्या करने के सवाल पर प्रीति ने कहा कि जिंदगी आगे बढ़ती रहती है, लोग भी आगे बढ़ते हैं , वैसे ही वह भी अपनी जिंदगी में आगे बढ़ रही हैं और खुश हैं। वह इस बात में विश्वास करती हैं कि जिंदगी में सामने का आईना हमेशा पीछे वाले आईने से बड़ा है।
डॉन रवि पुजारी के वाडिया के पिता को धमकी देने के मामले पर उन्होंने कहा कि वह खुद इस बात से आश्चर्यचकित है। वहीं अपनी इस लड़ाई के बारे में उनका कहना है कि अगर आप अपने लिए नहीं लड़ सकते तो कोई भी आपके लिए नहीं लडेगा और इस बात को मुझसे बेहतर और कोई नहीं समझ सकता।