सलमान खान अपनी पहली फिल्म 'जय हो' की असफलता के कारणों पर चर्चा करते हुए कहते हैं, "मुझे लगता है कि फिल्म रिलीज करने के लिए जनवरी का महीना ठीक नहीं था, क्योंकि इन दिनों में स्कूल शुरू हो जातें हैं। हर कोई छुट्टियों के मूड से बाहर निकल चुका होता है। वहीं सप्ताहांत में हमारे टिकट सिर्फ 250 रूपये के ही थे, जो इसके बाद और नीचे चले गए। मुझे लगता है कि यह हमारा एक बहुत गलत फैंसला था। लेकिन यह हमने अपने फैंस के लिए लिया था। अंतिम तौर पर कहा जा सकता है कि यह 126 करोड़ की फ्लॉप फिल्म थी।"
"मुझे लगता है कि अगर आप 'जय हो' को टीवी पर देखो तो यह लोगों की सहायता करने वाला एक बहुत अच्छा संदेश देती है। यह एक मजेदार पारिवारिक ड्रामा है। लेकिन इसके संगीत ने अच्छा काम नहीं किया, जिसे हमने बेहद शानदार सोचा था।"
'किक' के बारे में सलमान का कहना है, "इस फिल्म के प्लाट ने मुझे भी आकर्षित किया है। इस बार फिल्म को दूसरे तरीके से बनाया गया है। इस फिल्म का दक्षिण भारतीय प्लाट बेहद शानदार है। इसलिए हमने इसे अपनी समझ के अनुसार बनाया है और यह अच्छा काम करेगा।"
वहीं रोमांटिक कॉमेडी पर सलमान ने कुछ इस तरह प्रतिक्रिया जताई, "मैं रोमांटिक कॉमेडी नहीं कर सकता और अगर करूँगा तो वह 'नो एंट्री' और सूरज बड़जात्या की फिल्मों के जैसी होगी और मैं सिर्फ वैसी ही फ़िल्में कर सकता हूँ। मेरे लिए 'लार्जर दैन लाइफ' जैसी शैली ही बनी है और मैं उसका आनंद उठाता हूँ।"
'जय हो' के पिछली ईद पर रिलीज ना करने के सवाल पर उन्होंने कहा, "हम पिछले साल ईद पर रिलीज के लिए तैयार नहीं थे। ईद एक अच्छा दिन है, इसके अलावा दिवाली, क्रिसमस, पब्लिक हॉलीडेज भी आराम फरमाने और मस्ती के दिन होते हैं। आपके पास इतने सारे त्योहार होते हैं और आप इनमें से किसी पर भी अपनी फिल्म लेकर आ सकते हैं, जो अन्य किसी भी दिन के मुकाबले ज्यादा फायदे मंद होते हैं।"
सलमान का मानना है कि फिल्म को छुट्टी के दिन रिलीज करने पर फिल्म की कमाई पर बहुत फर्क पड़ता है, "हॉलिडे वाली फिल्मों की कमाई पर बहुत ज्यादा फर्क पड़ता है। लोग आज अपने-आपने जीवन में इतने व्यस्त हैं कि उन्हें फिल्म देखने हॉलिडे पर ही मिलता है।"
सलमान कहते हैं कि मैं नंबरों के खेल में शामिल नहीं हूँ, "मेरे ऊपर इतना दबाव नहीं है, क्योंकि मैं नंबरों के खेल में शामिल नहीं हूँ। अगर फिल्म चलती है तो मुझे अच्छा महसूस होता है और अगर नहीं चलती तो वैसा ही लगता है जैसा आपको किसी भी काम में दिलों जान से की गई मेहनत के बाद असफलता देखने के बाद होता है। लेकिन इस नंबर के खेल में शामिल होना बहुत ज्यादा थकाऊ होता है। इसलिए मैं इसमें शामिल नहीं हूँ।"
उनका मानना है कि हर असफलता आगे कुछ नया करने के लिए उकसाती है, "लेकिन जब आपके सामने यह आता है कि अब आगे क्या करें और अब नया करने के लिए क्या है तो इसके बाद कुछ ना कुछ रचनात्मक निकलकर आता है।"