सोमवार शाम को कुमार को गिरफ्तार कर लिया गया। सीबीएफसी के सलाहकार पैनल सदस्य और सेंसर प्रमाणन के लिए अधिकृत एजेंट श्रृप्ति मिश्रा को छत्तीसगढ़ की क्षेत्रीय फिल्म 'मोर दौकी के बिहव' को प्रमाण पत्र देने के बदले 70 हजार रुपये कथित तौर पर मांगने के बाद गिरफ्तार किया गया था।
फिल्मकारों ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि इस पर हैरान होने का कोई कारण नहीं। फिल्म 'हेट स्टोरी 2' के निर्देशक विवेक अग्निहोत्री ने कहा, "मुझे नहीं पता लोग हैरान क्यों हो रहे हैं। पूरे बोर्ड का राजनीतिकरण हो चुका है। इस जगह पर ऐसे लोग हैं, जिन्हें सिनेमा की कोई समझ नहीं। इसके लिए केवल सीईओ को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। इसके पीछे पूरा रैकेट काम कर रहा है।"
अग्निहोत्री के मुताबिक, इस तरह के किसी निकाय की कोई जरूरत ही नहीं है। फिल्मकार हंसल मेहता ने कहा, "दुर्भाग्य से वर्षो से ऐसा होता आ रहा है। ऐसे लोग यहां बैठे हैं, जिन्हें कला की कोई समझ ही नहीं है। यह हास्यास्पद है। सरकार को इस पर ध्यान देना होगा।"
अभिनेता-निर्माता अतुल अग्निहोत्री का दृष्टिकोण अलग है। उन्होंने कहा, "मुझे सेंसरशिप से कोई शिकायत नहीं। सीबीएफसी एक महत्वपूर्ण सरकारी निकाय है। एक व्यक्ति के गलत होने से पूरा तंत्र गलत नहीं होता। हम आशा करते हैं कि इस पद (सीबीएफसी सीईओ) पर किसी ऐसे व्यक्ति को लाया जाएगा, जिसे कला और सिनेमा की समझ होगी।"