धर्मेन्द्र कहते हैं, "जब मैं पंजाब आता हूँ तो मुझे लगता है जैसे कि मैं अपनी माँ की गोद में आ गया हूँ। मेरे राज्य में आना मेरी आत्मा को सुकून देता है। पंजाब से मेरा लगाव उतना ही है जितना किसी बेटे को अपनी मां से होता है।"
वहीं पंजाब में युवाओं की नशे की लत पर दुखी होते हुए उन्होंने कहा, "पंजाब मेरी धरती है। मैं यहीं बड़ा हुआ हूं। पढ़ा हूं तथा यहीं से फिल्में देख कर फिल्मों में जाने का मन भी बनाया था। मुझे यह देख और जानकर दुख होता है कि दुनिया भर में विभिन्न क्षेत्रों में अपने नाम रिकार्ड दर्ज कराने वाले पंजाब के युवकों में नशे की लत पड़ गयी है। यह दुखद है। इससे समाज के साथ साथ हमारे मुल्क का भी विकास रुक जाएगा।"