फिल्म की 'रील लाइफ' को पुलिस अधिकारी 'रियल लाइफ' में उतारेंगे जिससे अपराध पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी। इस अनोखे प्रयोग की पहल राज्य के पुलिस महानिरीक्षक (कमजोर वर्ग) अरविन्द पांडेय द्वारा की गई है।
अरविन्द पांडेय ने सभी जिलों के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों और पुलिस अधीक्षकों को एक मेल जारी कर अपने कनिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ फिल्म अभिनेत्री रानी मुखर्जी की फिल्म 'मर्दानी' देखने की सलाह दी है।
उन्होंने अपने मेल में पटना के एक मल्टीप्लेक्स का नाम भी दिया है, जिससे पुलिसवालों को सिनेमाघर ढूंढऩे में दिक्कत नहीं हो। पुलिस महानिरीक्षक का मानना है कि मानव तस्करी आज पूरे विश्व के लिए एक समस्या बन गई है। इसे रोकने के लिए पुलिस ही एकमात्र साधन है।
उन्होंने मेल में लिखा है इस समय पटना के एक मल्टीप्लेक्स में 'मर्दानी' फिल्म चल रही है। मेरी सलाह है कि पटना के पुलिस अधीक्षक अपने सहयोगियों के साथ इस फिल्म को देखने की योजना बनाएं तथा अन्य जिलों के पुलिस अधीक्षक पुलिस लाइन में इस फिल्म को दिखाने की व्यवस्था करें। सभी पुलिस अधिकारी इस फिल्म को देखें और अपने जीवन में उतारने की कोशिश करें।
उन्होंने बिहार के सभी थाना प्रभारियों को भी इसका अनुकरण करने की सलाह दी है। उनका कहना है कि कई फिल्में ऐसी हैं जो ज्ञानवर्धक और समाज की आँखें खोलने वाली हैं। मर्दानी फिल्म में भी एक महिला इंस्पेक्टर को मानव तस्करी के गिरोह को कारगर रूप से नष्ट करते दिखाया गया है। उल्लेखनीय है कि पांडेय ने एक पुस्तक 'सशक्तीकरण' भी लिखा है, जिसमें नारी से लेकर सभी कमजोर वर्गों के सशक्त होने के विषय का वर्णन है।
पांडेय की पहल पर ही सरकार ने प्रत्येक जिले में महिला थाना बनाने की योजना बनाई थी। गौरतलब है कि रानी मुखर्जी अभिनित 'मर्दानी' फिल्म में मानव तस्करी को नेस्तनाबूद करने की कहानी है।