फिल्मकार राम गोपाल वर्मा हाल में ट्विटर पर गणपति बप्पा पर आपत्तिजनक टिप्पणियां करने के बाद विवादों में घिर गए हैं। वह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता में यकीन रखते हैं। उनका कहना है कि वह जैसा महसूस करते हैं, उसे उसी तरह व्यक्त कर के जिंदगी का लुत्फ उठाने का उनका तरीका है।
राम गोपाल वर्मा पर रविवार को भारतीय दंड संहिता की चार धाराओं के तहत मामला दर्ज कराया गया। उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई थी कि उन्होंने अपनी ट्वीट में भगवान गणेश को अपमानित कर हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है। उन्होंने एक साक्षात्कार में अपनी विवादास्पद ट्वीट, फिल्मों और फिल्म जगत के लोगों से अपेक्षाकृत कम सौहार्द्रपूर्ण रिश्ते के बारे में बात की।
आपने ऐसा दोबारा किया है। इस बार आपने भगवान गणेश पर टिप्पणी कर बहुत बड़ा बखेड़ा खड़ा कर दिया है?
"मैंने ऐसा पहली बार नहीं किया है। अगर लोगों को दिलचस्पी है, तो वे मेरी पिछली चार वर्षो के ट्वीट चेक कर सकते हैं। उन्हें उसी तरह के कई ट्वीट मिल जाएंगे। "
आपको लोगों को तकलीफ पहुंचाने पर गर्व है?
"मैं ऐसा ही हूं। अगर आपको याद हो, तो मेरे द्वारा अमिताभ बच्चन के खिलाफ अपमानजनक शब्द का प्रयोग किए जाने पर कितना हंगामा हुआ था। उन्हें छोड़कर हर किसी को मजा आया, जबकि केवल उन्हीं को तकलीफ हुई थी।"
गणपति संबंधी ट्वीट के बाद आपको जान से मारने की ढेर सारी धमकियां मिल रही हैं। क्या इस तरह की स्थिति से डर नहीं लगता?
"यह सच नहीं है कि मुझे जान से मारने की धमकियां मिली हैं।"
बहुत से लोगों का मानना है कि आप ध्यान आकर्षित करने के लिए जान-बूझकर अपने ट्वीट से लोगों को उकसाते हैं?
"मैं क्या कहता हूं, लोग इसकी परवाह किए बिना वही मानेंगे, जो वे मानना चाहते हैं। इसलिए कहने का कोई फायदा नहीं।"
आप धर्म विरोधी हैं या महज एक निंदक हैं? आपको नहीं लगता कि धार्मिक मान्यताओं पर चोट करना गलत है?
"मैं इससे सहमत नहीं हूं कि मैं हर चीज का विरोधी हूं। मैं अपने विचारों को व्यक्त करने के अलावा किसी पर हमला नहीं कर रहा। मुझे एक स्वतंत्र लोकतांत्रिक देश के बाकी नागरिकों की तरह ही ऐसा करने का अधिकार है।"
Wednesday, September 03, 2014 15:46 IST