निर्देशन: उमंग कुमार
रेटिंग: ***
'भाग मिल्खका भाग' के बाद, मैरी कॉम एक बार फिर से आपको एक जुझारू खिलाड़ी की जीवन की यात्रा पर ले जाती है। जहाँ 'भगा मिल्खा भाग' में फरहान अख्तर ने धावक मिल्खा पर आधारित किरदार में एक दम फिट बैठने के लिए जी-तोड़ मेहनत की थी। यहाँ तक कि उन्होंने अपनी शरीर की संरचना भी मिल्खा जैसी ही बना ली थी। ऐसा ही कठोर परिश्रम इस बार प्रियंका ने पर्दे पर पांच बार बॉक्सिंग चैंपियन रही मैरी कॉम बनने के लिए किया है। प्रियंका ने भी अपनी बार्बी डॉल वाली संरचना को एक बॉक्सिंग चैंपियन में बदल दिया। और इसके लिए उन्होंने कितनी मेहनत की होगी इसका अंदाजा लगाया जा सकता है।
सबसे बड़ी बात कि प्रियंका अपने अभिनय और मेहनत के दम पर पर्दे पर एक दमदार एंट्री करने में सफल रही हैं। फिल्म पूरी तरह से प्रियंका की फिल्म है। और यह उनके करियर में एक मील का पत्थर साबित हो सकती है। सिने-पर्दे पर बहुत सारी मसाला फिल्मों से अपना जायका तीखा करने के बाद इस बार एक बायोग्राफी देखने को मिल रही है जो जीवन में एक जोश भरने के लिए काफी है।
फिल्म की कहानी एक ऐसी गुस्सैल लड़की मैरी कॉम की है, जिस पर धुन सवार है एक बॉक्सर बनने की। लेकिन उसके चारों तरफ की परिस्थतियां यहाँ तक कि उसका परिवार भी सिर्फ उसके खिलाफ ही नहीं है, बल्कि उनकी जिद है कि उसका यह सपना किसी भी कीमत पर पूरा ही नहीं होने देंगे। लेकिन यह जुनूनी लड़की हर मुश्किल, रास्ते के हर पत्थर से लड़ती है। यहाँ तक कि उसकी शादी और दो बच्चों की जिम्मेवारी भी उसे चैंपियन बनने से रोक नहीं पाती। और इसमें उसका साथ देता है उसका कोच मि. सिंह (सुनील थापा) जो उसे इस लड़ाई के लिए तैयार करता है।
जहाँ तक फिल्म में अभिनय का सवाल है, तो कहा जा सकता है कि 'मैरी कॉम' के इस किरदार को प्रियंका के अलावा और कोई इतने बेहतरीन तरीके से निभा ही नहीं सकता था। और फिल्म को जो भी सफलता और कामयाबी हांसिल होती है, उन सभी का श्रेय सिर्फ और सिर्फ प्रियंका को ही जाता है। एक ग्लैमर्स गर्ल प्रियंका चोपड़ा जिस तरीके से इस नए अवतार में पर्दे पर उतरी है वह वास्तव में काबिले तारीफ है। फिल्म देखने के बाद प्रियंका के आलोचक भी उनकी तारीफ़ किये बिना रह नहीं सकेंगे। प्रियंका ने इसमें अपनी अभिनय से जुडी जिम्मेदारियों को बेहद गंभीरता और बारीकी से निभाया है। प्रियंका मैरी कॉम के रूप में फिल्म निर्माताओं का सबसे उम्दा चुनाव थी।
वहीं उनके अलावा फिल्म में प्रियंका के पति के किरदार में दर्शन कुमार ने भी अपने हिस्से का किरदार बेहद शानदार और सहज तरीके से निभाया है। हालाँकि फिल्म पूरी तरह से प्रियंका की फिल्म है और दर्शन कुमार फिल्म में काफी कम भूमिका में थे, लेकिन बावजूद इसके वह अपनी यादगार उपस्थिति देने में कामयाब रहे हैं। उनके अलावा एक और किरदार जो अपने अभिनय से आपको मन्त्र मुग्ध कर देता है वह है सुनील थापा। फिल्म में उन्होंने मैरी कॉम के कोच का किरदार निभाया है। अपने सहज और सराहनीय अभिनय से सुनील ने एक कोच के किरदार में जान फूंक दी है। इनके अलावा फिल्म के बाकी सभी सहायक कलाकार जैसे रजनी बासुमैत्री राजेश खत्री, शक्ति सिन्हा और रोबिन दास ने भी अच्छा अभिनय किया है।
अगर फिल्म के कुछ नकारात्मक पहलुओं पर नजर डाली जाए तो, इसमें जो चीज अखरती है, वह बार-बार आने वाले फ़्लैश बैक और फिल्म की कहानी के बीच-बीच में आने वाली शिथिलता। फिल्म के पहले हिस्से के मुकाबले दूसरा भाग ज्यादा मनोरंजक है। फिल्म की कहानी के मुकाबले इसमें चुम्बकीय तत्व सिर्फ प्रियंका है, जिसने अपनी मेहनत से इसे काबिले तारीफ बनाया है।