न्यायमूर्ति एस जे मुखोपाध्याय और न्यायमूर्ति पी सी पंत की खंडपीठ ने टिप्पणी की, "सजा निलंबित करने के लिये आपका मामला अच्छा हो सकता है लेकिन दोषसिद्धी पर रोक के लिये नहीं। कानून सभी पर समान रूप से लागू होना चाहिए। दोषियों के साथ किसी प्रकार का पक्षपात नहीं होना चाहिए।"
न्यायालय ने स्पष्ट किया कि दोषसिद्धी पर रोक का मतलब सुनवाई के दौरान साक्ष्यों का फिर से आकलन भी शामिल है। न्यायालय ने सलमान खान की दोषसिद्धी पर रोक लगाने के उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ राजस्थान सरकार की याचिका पर सुनवाई के दौरान ये टिप्पणियां कीं। न्यायालय ने इस मामले को अंतिम रूप से सुनवाई के लिये 28 अक्तूबर को सूचीबद्ध किया है।
न्यायाधीशों की ये टिप्पणियां काफी महत्वपूर्ण हैं क्योंकि 'दबंग' अभिनेता ने 27 अगस्त को न्यायालय में दाखिल अपने हलफनामे में कहा था कि अदालतों ने हमेशा ही उसे सामान्य नागरिक ही माना है और उसे कभी कोई विशेष सुविधा नहीं दी। सलमान खान ने काले हिरण के शिकार के मामले में उसकी दोषसिद्धी निलंबित करने के उच्च न्यायालय के आदेश को न्यायोचित ठहराते हुये राजस्थान सरकार की अपील खारिज करने का अनुरोध किया था।
खान ने यह भी कहा था कि वह सबसे अधिक कर का भुगतान करने वालों में शामिल हैं और उच्च न्यायालय ने उसे पेशेवर कार्यक्रमों में शामिल होने के लिये ही उसकी दोषसिद्धी पर पर रोक लगायी थी। राजस्थान उच्च न्यायालय ने पिछले साल 12 नवंबर को अपने आदेश में काले हिरण के शिकार प्रकरण में सलमान खान की 2006 की दोषसिद्धी पर रोक लगाते हुये उसके ब्रिटेन के वीजा के लिये आवेदन करने का मार्ग प्रशस्त कर दिया था।
सलमान ने अपने हलफनामे में कहा था, "इस बात से इंकार किया जाता है कि उच्च न्यायालय यह सिद्धांत लागू करने में विफल रहा है कि कानून के समक्ष सभी बराबर हैं और मुझे विशेष सुविधा दी क्योंकि मैं ख्यातिप्राप्त व्यक्ति हूं। अदालतों ने हमेशा ही मुझे किसी भी अन्य साधारण नागरिक के समान ही माना है और मैंने हमेशा ही मुझ पर लगायी गयी शर्तो का पालन किया है।"
राज्य सरकार की याचिका खारिज करने का अनुरोध करते हुये सलमान ने कहा कि वह परोपकारी व्यक्ति हैं ओर भारतीय फिल्मों का प्रचार करते हैं और उनके पेशेवर कार्यक्रमों से उद्योग में रोजगार के अवसर बढ़ते हैं। इस अभिनेता ने कहा कि उच्च न्यायालय ने इस तथ्य की सराहना की कि निचली अदालत की दोषसिद्धी के आदेश से उनके पेशेवर कार्यक्रम बाधित हो रहे हैं और इससे उन्हें तथा दूसरों को अपूर्णीय क्षति होगी जो अभिनेता के रूप में उनकी पेशेवर सेवा से जुड़े हुये हैं।
सलमान खान को 26-27 सितंबर और 28-29 सितंबर, 1998 की रात में भवाड़ में दो काले हिरण का शिकार करने और मथानिया के घोडा फार्म में एक काले हिरण का शिकार करने के अपराध में दोषी ठहराते हुये अलग अलग मामलों में एक साल और पांच साल की सजा सुनायी गयी थी। काला हिरण संरक्षित पशु है और इसका शिकार दंडनीय अपराध है।