फवाद ने पाकिस्तानी सिनेमा जगत में उस वक्त कदम रखा था, जब वहां फिल्मोद्योग पूरी तरह पस्त था। फवाद ने कहा, "जब मैंने 'खुदा के लिए' की तो यह देश की उन चंद फिल्मों में से एक थी, जो बन रही थीं।"
उन्होंने कहा, "यह तो अब जाकर हुआ है कि पाकिस्तानी फिल्मोद्योग पुनरुद्धार की राह पर है। कुछ गुणवत्तापूर्ण काम हो रहा है और मुझे इसका हिस्सा होने पर नाज है।"
पाकिस्तान में फलते-फूलते छोटे पर्दे ने ही फवाद को अभिनय के क्षेत्र में आने का फैसला लेने में मदद की। फवाद ने कहा, "मुझे छोटे पर्दे पर कुछेक बेहतरीन अवसर मिले और उन्होंने मुझे मेरे अंदर का कलाकार खोजने में मदद की। मैंने छोटे पर्दे पर काम किया था, इसीलिए मैं जानता था कि मुझे अभिनेता बनना है।"
उन्होंने कहा, "यहां तक कि शोएब मंसूर ने भी अपनी शुरुआत छोटे पर्दे से की, जिनके साथ मैंने अपनी पहली फिल्म 'खुदा के लिए' की।" फवाद अब 'खूबसूरत' से बॉलीवुड में कदम रख रहे हैं, जो आज रिलीज हो गई है।
जब उनसे पूछा गया कि क्या वे पाकिस्तान और भारत में करियर में तालमेल बिठाने की योजना बना रहे हैं? जवाब में फवाद ने कहा, "मैंने कभी भी ज्यादा योजना नहीं बनाई। इसलिए मैं नहीं कह सकता कि मेरे भविष्य में क्या है। लेकिन हां, मैं 'खूबसूरत' के बाद अन्य बॉलीवुड फिल्में करने की उम्मीद करता हूं।"