फिल्म के बारे में उन्होंने कहा, "मैंने जो फिल्म बनाई थी, वह अब लोगों की हो चुकी है। यह मेरी नहीं रही। फिल्म को कई साल बीत चुके हैं, लेकिन उससे जु़डी भावनाएं और एहसास अब भी वही हैं।"
महेश ने बताया, "1985 में 'जानम' दूरदर्शन पर दिखाई गई थी और मेरी यादाश्त में पहली बार फिल्म की वजह से समाचार 14 मिनट देर से प्रसारित किए गए थे। तब यह एक अभूतपूर्व घटना थी। फिल्म को काफी सराहना मिली थी और 1986 के भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म फेस्टीवल (आईएफएफआई) में पैनोरमा श्रेणी में शामिल की गई थी।"
महेश ने कहा कि अभिनेता कुमार गौरव के गुमनामी में खो जाने के कारण फिल्म भी कहीं खो गई थी, लेकिन उन्हें भरोसा है कि 'जानम' की रीमेक से जाहिद सिनेमा जगत में अपनी छाप छो़डने में कामयाब रहेंगे। जहिद फिल्म 'डैडी द प्ले' का भी हिस्सा रहे थे।
'जानम' की रीमेक की निगरानी खुद महेश भट्ट करेंगे। उन्होंने कहा, "मेरे अंदर कभी भी किसी तरह के सामाजिक कलंक का डर नहीं रहा। मैं अपनी जिंदगी की सच्चााई को उजागर करने से नहीं घबराया, जबकि मेरा परिवार इसके खिलाफ था और "जानम" के निर्माण से खुश नहीं था। लेकिन यह फिल्म समाज में रहकर पूर्व निर्धारित नियमों के खिलाफ ल़डने और उनको तो़डने के बारे में थी।"" "जानम" की रीमेक का निर्माण संजीव मल्होत्रा अपनी नवोदित फिल्म निर्माण कंपनी मैनवीन संजीव क्रिएशन के बैनर तले कर रहे हैं।