लता से फोन पर बात की गई, जहां उन्होंने अपनी गिरी हुई सेहत की वजह से उनके लिए आयोजित किए गए एक कार्यक्रम में शामिल न हो पाने पर क्षमा मांगी। लता ने कहा कि उन्हें दिग्गज क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर के लिए बुरा लग रहा है, जो इतनी दूर से सिर्फ उन्हें सम्मानित करने आए थे।
चूंकि लता अपने सम्मान समारोह में शामिल नहीं हो पाईं तो उनकी ओर से उनकी बहन ऊषा मंगेशकर ने वह सम्मान प्राप्त किया। तेंदुलकर मुंबई के क्षणमुखानंद ऑडिटोरियम में ह्वदयेश आर्ट्स की ओर से आयोजित इस सम्मान समारोह का मुख्य अतिथि बनने को राजी हो गए थे। यह एक महत्वपूर्ण अवसर था, क्योंकि लता के छोटे भाई ह्वदयेश मंगेशकर के संगीत करियर को भी 60 साल पूरे हो रहे थे।
लता 36 भाषाओं में 1,000 से अधिक गाने गा चुकी हैं। "आजा रे परदेसी", "कहीं दीप जले कहीं दिल", "बीती ना बिताई रैना", "तेरे बिना जिंदगी से कोई", "नैनों में बदरा छाए", "चलते चलते" और "यारा सीली सीली" लता के सदाबहार गीतों में शामिल हैं।