48 वर्षीय अभिनेता शाहरुख खान एक रोमांटिक अभिनेता के तौर पर जाने जाते हैं। उनका कहना है कि उन्होंने अपने करियर में कुछ रिस्क भी लिए, और आज वह एक बड़े स्टार हैं, क्योंकि उनकी प्रायोगिक फ़िल्में भी दर्शकों को आकर्षित करने में कामयाब रही।
"एक ऑफ़ बीट फिल्म होती क्या है? आप मुझे एक ऑफ बीट फिल्म में रखिये और यह एक ऑन बीट फिल्म हो जाएगी। जैसे कि 'चक दे इण्डिया' एक ऑफ बीट फिल्म थी, और इसने बेहद चतुराई से पैसे बनाए। यह मेरे करियर की सबसे सफल फिल्म थी।"
"मुझे लगता है कि कोई भी फिल्म हो जिसका मैं हिस्सा बन जाऊँगा, वह खुद ब खुद बड़ी हो जाएगी, क्योंकि मैं बड़ा स्टार जो हूँ। फिर चाहे वह एक ऑफ बीट फिल्म ही क्यों ना हो लोग इसे देखेंगे, और इसलिए यह ऑन बीट हो जाएगी। मैंने 'माया मेमसाब', 'ओह डार्लिंग ये है इण्डिया', 'डर', 'स्वदेश' और 'चक दे इण्डिया' जैसी फ़िल्में की। इसलिए जब मेरा मन करता है तो मैं ऑफ़ बीट फ़िल्में करता हूँ।"
"मैं ऐसा कभी कुछ नहीं करूँगा, जो लोग मुझसे करवाना चाहते हैं। मेरे पास बहुत पैसा है, मैं एक धनी स्टार हूँ। मैं बहुत फेमस हूँ और मेरे पास बहुत से अवार्ड हैं। मैं ऐसी फिल्म करूँगा जिनसे मुझे ख़ुशी मिलती है, जैसे 'रा वन', क्योंकि मेरे बच्चों को सुपर हीरो पसंद हैं। मेरे पिता हॉकी खेलते थे इसीलिए मैंने 'चक दे इण्डिया' की। यह महत्वपूर्ण है कि आप जो कर रहे हैं उसे करते हुए आपको रोमांच महसूस हो।
"मुझे बिलकुल भी चिंता नहीं है। मैं मेहनत करने में अच्छा हूँ, और एक अच्छे स्तर पर हूँ। मुझे अपनी पसंद के बारे में पता है और मैं अपना बेहतर करने की कोशिश करता हूँ।
"मैंने कई कलाकारों की ऐसी फिल्म कभी नहीं की जिसमें हर किसी का बराबर हिस्सा हो। जब आपको लोगों का मनोरंजन करना है तो आपको बड़ा और बेहतर होना होगा। 'हैप्पी न्यू ईयर' एक ऐसा प्रोजेक्ट है जिसे हम सभी ने बेहद उच्च स्तर पर ले जाने की कोशिश की है, जहाँ दर्शक दिवाली पर और बड़ा मनोरंजन कर सके।
"एक अभिनेता के तौर पर जिसने 20 साल काम कर लिया है, और जो अपना धैर्य आसानी से खो सकता है। मुझे लगता है कि फिल्मों ने मुझे धैर्य रखना सिखाया है। हर अच्छी चीज धैर्य रखने से आती है।
आक्रामकता, रफ़्तार से नहीं आती। मुझे लगता है कि रचनात्मकता धैर्य से ही आती है।