अमिताभ ने एक साक्षात्कार में अपने टीवी कार्यक्रमों 'कौन बनेगा करो़डपति' और 'युद्ध' से जु़डी कई बातें साझा कीं। यह पूछे जाने पर कि केबीसी का आठवां संस्करण पहले के संस्करणों से किस तरह अलग है, उन्होंने कहा, "प्रोटोकॉल के हिसाब से केबीसी का स्वरूप वही है और इसमें बदलाव नहीं किया जा सकता, लेकिन कार्यक्रम के मूल्य एवं महत्ता और प्रतिभागियों का योगदान है, जो हर साल केबीसी के हर संस्करण में विविधता लाता है।"
अमिताभ ने कहा, "प्रतिभागी केबीसी के दिल और आत्मा हैं। वहीं हैं, जो अपने जीवन के अलग अलग संघर्षो, चुनौतियों और शख्सियत के साथ यहां पहुंचते हैं। जीवन को बदल डालने के पल को जीने का उनका जज्बा, नैतिकता और सामाजिक कुरीतियों के प्रति उनकी चिंता और जीत की खुशी और प्रसन्नता कार्यक्रम की विविधता है।"
अमिताभ से जब पूछा गया कि कार्यक्रम में प्रतिभागियों के जीतने पर वह कैसा महसूस करते हैं, तो उनका जवाब था, "मेरे लिए उनकी उपलब्धि बहुत ब़डी खुशी है। सिर्फ इसलिए नहीं कि उन्हें ब़डी रकम जीती है, बल्कि इसलिए कि इस जीत से उनके जीवन की कई सारी समस्याएं सुलझने वाली हैं।"
अपने धारावाहिक 'युद्ध' के बारे में बताते हुए अमिताभ ने कहा, "इसे बहुत ज्यादा टीआरपी नहीं मिली, लेकिन आईएमडीबी (विश्व स्तर पर लोकप्रियता) के आधार पर इसे 9.3/9.4 अंक मिले और यह कार्यक्रम के लिए ब़डी उपलब्धि है।"
यह पूछे जाने पर कि 'युद्ध' ने प्रशंसकों को भावविभोर कर दिया, लेकिन इसने आपके किरदार के साथ कितना न्याय किया, इस बारे में आपकी क्या राय है, उन्होंने कहा, "हां दर्शक काफी भावविभोर हो गए और यदि सचमुच हुए तो यही मेरे किरदार के साथ न्याय है।"