उनकी बेटी रीमा अमरापुरकर ने बीबीसी से बात करते हुए बताया कि अमरापुरकर ने भारतीय समयानुसार सोमवार तड़के दो बजकर 45 मिनट पर अंतिम सांस ली। वह फेफड़ों में संक्रमण से जूझ रहे थे।
उन्हें तीन हफ़्ते पहले भी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अमरापुरकर ने क़रीब 250 फ़िल्में की हैं जिनमें अर्ध सत्य, सड़क, हुकूमत, आंखें और इश्क़ काफ़ी कामयाब रही हैं।
1984 में आई 'अर्ध सत्य' के लिए तो उन्हें सपोर्टिंग एक्टर की कैटगरी में फ़िल्म फ़ेयर एवार्ड मिला था। 1991 में आई 'सड़क' के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ खलनायक का फ़िल्म फ़ेयर अवार्ड मिला था।