पहली बार हृदया फाउंडेशन के साथ मिलकर दिल की बीमारी से जूझते बच्चों को जीवनदान देने की पहल करते सीसीएल के मद्देनज़र '100 हार्ट्स' नामक एक समारोह का आयोजन किया गया था।
इस मौके पर अपना सहयोग देने आये 'मुंबई हीरोज़' के कप्तान सुनील शेट्टी ने कहा, "कबड्डी ने सारे रिकॉर्ड तोड दिये लेकिन ऐसा नहीं है कि कुछ कमाल हुआ है। यह हमारे खून में था जिसे हमनें अब पहचाना है। मैं उन सेलिब्रिटीज़ का दिल से आभारी हूं जिन्होंने इस खेल को एक नई पहचान दी है। मैं उम्मीद करता हूं कि भविष्य में वॉलीबॉल और टेनिस के साथ भी ऐसा ही होगा। हम सबमें एक खिलाडी मौजूद है बस सही प्लेटफॉर्म ना मिल पाने के कारण हम उस खिलाडी को मार देते हैं।अगर प्लेटफॉर्म मिल जाए तो स्पॉंसर्स नहीं मिलते लेकिन अब हमें लोगों में वह जोश नज़र आ रहा है। रही मेरी बात तो मेरा लगाव बचपन से खेल के प्रति रहा है सो सिर्फ क्रिकेट ही नहीं हर खेल को मैं अपना सहयोग देने के लिए तैयार हूं।"
मैं पिछले सात साल से हॉकी को सपोर्ट कर रहा हूं। इस साल हमनें वर्ल्ड चैंपियन ऑस्ट्रेलिया को हराया जो हमारे लिए बहुत बडी बात है। मैं समझता हूं अब वक़्त आ गया है जब हम अपने देश में खेलों को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचायें जिससे माता पिता भी अपने बच्चों को यह सोचकर भेजें कि यह मात्र मनोरंजन का माध्यम नहीं बल्कि इसमें करियर भी बनाया जा सकता है। धीरे धीरे ही सही हमारे देश में खेलों के प्रति लोगों के दिलों में एक आकर्षण बढता जा रहा है और यह बढता ही जाएगा।