रणदीप से जुडे एक करीबी सूत्र की मानें तो हुआ यूं कि उस दिन हो रहे एवार्ड फंक्शन में सारी चीज़ें इतनी मिस्मैनेज थीं कि जिसे देखकर किसी को भी गुस्सा आ सकता था।
रणदीप को एवार्ड फंक्शन के लिए शाम 7:30 बजे बुलाया गया था और उन्हें आश्वस्त किया गया था कि उन्हें रात 8:30 बजे तक एवार्ड दे दिया जाएगा लेकिन अपने बुलावे का इंतज़ार करते रणदीप रात 9 बजे तक सिर्फ इंतज़ार ही करते रहे।
आखिरकार परेशान रणदीप बिना एवार्ड लिए ही घर लौट आये और उनका एवार्ड उनकी जगह पर किसी और ने लिया। इस सिलसिले में रणदीप से जब बात की गयी तो उन्होंने इस पर अपनी सहमति जताते हुए कहा, "जी हां यह बात सच है कि उस एवार्ड फंक्शन में मैं गया ज़रूर था लेकिन बिना एवार्ड लिए ही वापस आ गया। दरअसल मैं बोर हो गया था इसीलिए मैं वहां से उठकर चला आया। उसके बाद क्या हुआ मुझे नहीं पता लेकिन इससे अधिक मैं वहां नहीं बैठ सकता था। फिलहाल वह एवार्ड मेरे पास है।"